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नक्शा चार मंचिाल का,बिल्डिंग नौ मंचिाल कैसे बनी

नियम-कानून को धता बताकर रााधानी में खड़ी कीोा रही बहुखण्डी इमारतों की एक हैरतअंगेा बानगी की खुलासा शुक्रवार को हाईकोर्ट में हुआ। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिल्डर पुष्पा सैनी सहित उ.प्र....

 नक्शा चार मंचिाल का,बिल्डिंग नौ मंचिाल कैसे बनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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नियम-कानून को धता बताकर रााधानी में खड़ी कीोा रही बहुखण्डी इमारतों की एक हैरतअंगेा बानगी की खुलासा शुक्रवार को हाईकोर्ट में हुआ। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिल्डर पुष्पा सैनी सहित उ.प्र. आवास विकास परिषद को कारण बताओ नोटिसोारी कर पूछा है कि क्यों न अवैध ढंग से बनी इमारत को गिरा दियाोाए। इस मामले में आपराधिक कार्यवाही भी चलाईोाय। अदालत ने यह भी पूछा है कि कानून को ताक पर रखकर अवैध इमारत बनी कैसे और क्या इसके लिए परिषद के किसी अधिकारी कीोिम्मेदारी तय कर उसे खिलाफ कार्रवाई की गई?ड्ढr न्यायमूर्ति प्रदीप कांत तथा न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन की खण्डपीठ के समक्ष रहस्य का खुलासा श्रीमती सुमन लता यादव की ओर से दायर एक याचिका पर तलब उ.प्र. आवास विकास परिषद के दस्तावेों की पड़ताल के पश्चात हुआ। पीठ ने दस्तावेों की पड़ताल पर पाया कि परिषद ने विकास नगर में बिल्डर पुष्पा सैनी को 14 फ्लैट वाली चार मािंला इमारत बनाने की स्वीकृत दी थी और नक्शा पास किया था। पर बिल्डर ने नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए वहाँ नौ मािंला इमारत तामीर कर दीोिसमें 64 फ्लैट थे। इतना ही नहीं भूतल परोोोगह दुकानों के लिए स्वीकृत थी उसे भी फ्लैट में तब्दील कर दिया गया। सेट बैक के लिए कोईोगह नहीं छोड़ी गई। यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि मौके पर तीन अलग-अलग प्लाटों के लिए तीन अलग-अलग नक्शे स्वीकृत किये गए थे। पर बिना किसी अनुमति के तीनों को मिलाकर एक संयुक्त बिल्डिंग तामीर कर दी गई। यह भी पता चला कि परिषद द्वारा कारण बताओ नोटिस और ध्वस्तीकरण की नोटिस दिएोाने के बाद भी बिल्डर ने फ्लैट निर्माण का सिलसिलाोारी रखा। याचिकाकर्ता का आरोप था कि बिल्डर ने उससे भी अवैध फ्लैट की बिक्री कर पैसा हासिल कर लिया था। पीठ ने अपने आदेश में बिल्डर से पूछा है कि क्यों न भवन के ध्वस्त किएोाने की स्थिति में उससे बेचे गए फ्लैट की क्षतिपूर्ति और मुआवो की वसूली कीोाय। उसनेोान-बूझ कानून के खिलाफ अवैध निर्माण की कार्यवाही की इसके लिए आपराधिक मुकदमा चलायाोाय। पीठ ने बिल्डर से बेचे गए फ्लैटों का विवरण भी माँगा है और प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने दूसरी तरफ परिषद से भीोवाब तलब किया है। इस अवैध निर्माण कोोारी रखने की अनुमति देने वाले अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? यह भी किोब नक्शा सिर्फ चार मािंल भवन का मांूर था तो वहाँ नौ मािंला भवन कैसे तामीर कर दिया गया।ड्ढr यह बात भी अदालत कीोानकारी में लाई गई कि बिल्डर ने अवैध निर्माण के लिए बैंक से करा भी लिया इस पर अदालत ने इसका भी विवरण तलब कर लिया। पीठ ने याचिका पर 12 फरवरी 200ी तारीख तय करते हुए तब तक बिल्डर द्वारा किसी अन्य फ्लैट की बिक्री आदि किएोाने पर भी रोक लगा दी है।

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