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दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड में गहराया बाढ़ का संकट

दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। दिल्ली के निचले इलाकों में बने घरों में यमुना का पानी घुस गया है। बाढ़ से उत्तर प्रदेश और बिहार के भी कई इलाके बुरी तरह से...

दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड में गहराया बाढ़ का संकट
एजेंसीThu, 23 Sep 2010 10:50 AM
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दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। दिल्ली के निचले इलाकों में बने घरों में यमुना का पानी घुस गया है। बाढ़ से उत्तर प्रदेश और बिहार के भी कई इलाके बुरी तरह से प्रभावित हैं।

उत्तर प्रदेश और बिहार सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस आपदा की वजह से अब तक कई लोगों की जानें जा चुकी हैं जबकि लाखों को बेघर होना पड़ा है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 500 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण प्रदेश से गुजरने वाले तीन राष्ट्रीय राजमार्गो पर यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। सहारनपुर में दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग-73 और मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार को तीन दिन बाद यातायात फिर से शुरू हो गया, वहीं बिजनौर में दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग-74 अब भी बंद है।

प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात और उत्तराखण्ड के कालागढ़, नंद सागर, भमगोड़ा बांध से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, बुलंदशहर, सहारनपुर और फरुखाबाद जिलों में रामगंगा, मालन, कोसी और गंगा नदी उफान पर हैं, जिससे इन जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है।

हवाई सर्वेक्षण के बाद मायावती ने कहा कि उनकी सरकार बाढ़ पीडिम्तों की हरसंभव मदद करेगी। लखनऊ लौटकर वह प्रधानमंत्री को बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए पत्र लिखेंगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट सचिव शशांक शेखर भी थे।

 दिल्ली में बीते कई दिनों से उफान पर चल रही यमुना नदी का जलस्तर बुधवार सुबह और बढ़ गया। हरियाणा से लाखों क्यूसेक जल छोड़े जाने के बाद यमुना का ताजा जलस्तर 206.90 मीटर के आसपास बताया गया है जो खतरे के निशान से 2.07 मीटर अधिक है। यमुना का जलस्तर मंगलवार सुबह बढ़कर 206.16 हो गया था जो खतरे के निशान से 1.33 मीटर ऊपर था। केन्द्रीय जल आयोग ने बुधवार को जलस्तर 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका जताई है।

 उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा और शारदा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ गया है। बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी व बस्ती जिले तो पहले से ही घाघरा और शारदा का कहर झेल रहे हैं। यहां बाढ़ से करीब 400 से ज्यादा गांवों की तीन लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। अधिकारियों ने इन जिलों में बाढ़ से 20 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।

बिहार में बाढ़ से जिले के करीब 60 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। गोपालगंज जिले के एक अधिकारी के अनुसार बाढ़ से बरौली और सिधवलिया प्रखंड के करीब 60 गांव प्रभावित हुए हैं। गंडक नदी का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग-28 और बरौली-सीवान मार्ग के ऊपर आने से आवागमन ठप्प हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 घंटे में बाढ़ का पानी बैकुंठपुर प्रखंड में प्रवेश कर जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार बाढ़ की वजह से अब तक करीब 60 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। प्रशासन ने बरौली प्रखंड में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में लगा राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) पीडिम्तों का इलाज भी करेगा। एनडीआरएफ  द्वितीय वाहनी के उप कमांडेंट जी़ सेरपा ने बताया कि गोपालगंज में एनडीआरएफ  की सात टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।

हिमाचल प्रदेश में भी बुधवार तड़के से हो रही भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। इसकी वजह से पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में बाढ़ की हालत और गंभीर हो सकती है। कुल्लू के उपायुक्त बी. एम. नंता ने आईएएनएस को टेलीफोन पर बताया, ''आसपास के इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश के चलते ब्यास और सतलुज नदियों में असामान्य तरीके से जलस्तर बढ़ गया है। लेकिन जलस्तर अभी खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है।''

चण्डीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग-21 जो मंडी और कुल्लू जिले के कुछ इलाकों में ब्यास नदी के साथ बना हुआ है। नदी में उफान के कारण राजमार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। सिरमौर और शिमला जिले से होकर गुजरने वाली यमुना नदी में भी हरियाणा में प्रवेश करने से पहले ही उफान देखा जा रहा है।

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