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उत्तराखंडः बारिश के कहर से 24 घंटे में पाच मरे

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार वर्षा के कहर से पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। राज्य की जीवन रेखा मानी जाने वाली चार धाम यात्रा को भी बंद करना पडा़ है। वर्षा ने...

उत्तराखंडः बारिश के कहर से 24 घंटे में पाच मरे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Sep 2010 02:39 PM
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उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार वर्षा के कहर से पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। राज्य की जीवन रेखा मानी जाने वाली चार धाम यात्रा को भी बंद करना पडा़ है।

वर्षा ने पिछली रात से भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और सात अन्य घायल हो गये। वर्षा के चलते युमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्गों अलग-अलग स्थानों पर बंद कर दिया गया है।

पिछले 24 घंटों के दौरान हरिद्वार जिले के रूड़की तहसील के इब्राहीमपुर में भारी वर्षा से एक मकान के ढ़ह जाने से उसमें सो रहे पांच व्यक्तियों की मौत हो गयी और दो अन्य घायल हो गये। सूत्रों ने बताया कि गढ़वाल मंडल के तहत आने वाले चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के रास्ते में जगह-जगह वर्षा के चलते मलबा आ जाने से यात्रा मार्ग को बंद कर दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में मानसून की शुरुआत से ही हो रही वर्षा के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन होने से शनिवार तड़के से ही गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग को फिर से बंद करना पडा़ है जिससे हजारों यात्रा फंसे हुए हैं।

उत्तरकाशी की जिलाधिकारी हेमलता ढौंढियाल ने शनिवार को बताया कि जिले में स्थित दो धाम गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को जगह-जगह भूस्खलन के चलते बंद करना पडा़। उन्होंने कहा कि मार्ग को खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इलाके में पिछली रात से भारी वर्षा हो रही है। वर्षा के चलते मार्ग को साफ करने के काम में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों धाम के रास्ते पिछले महीने भी भूस्खलन से जगह-जगह सड़क कट जाने के चलते बंद पडे़ हुए थे। बद्रीनाथ को लामबगड़ और देवप्रयाग के पास तथा केदारनाथ को तिलवाडा और गौरीकुंड के पास बंद किया गया है।

राज्य के अन्य जिलों के प्रशासन को बता दिया गया है कि सड़क कटने और मलवा आ जाने से यात्रा स्थगित कर दी गयी है। यात्रा स्थगित होने के चलते फंसे यात्रियों के रहने और भोजन के लिए समुचित व्यवस्था की गयी है। यात्रियों के लिए स्वास्थ्य शिविर को भी चालू करने की कोशिश की जा रही है।

प्रदेश में इस वर्ष मानसून की जारी वर्षा ने देहरादून में पिछले 37 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। वर्ष 1973 में 2677 मिलीमीटर वर्षा हुई थी और अभी भी जारी वर्षा से 39 वर्षों का रिकार्ड टूट सकता है। इस बार देहरादून में हुई वर्षा 1971 की वर्षा का रिकार्ड से मात्र 85 मिलीमीटर ही कम है। मौसम विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि देहरादून में इस वर्ष मानसून के दौरान एक जून से अब तक 2678 मिलीमीटर से भी अधिक वर्षा हो चुकी है। राज्य में जबर्दस्त वर्षा से अब तक 115 से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है और हजारों लोग बेघर हो गये हैं।

राज्य के चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ की ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी से पहाडी़ इलाके में ठंड का प्रकोप शुरू हो गया है और लोगों ने गर्म कपडे भी निकाल लिए हैं।

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