कर्ज की वसूली कम होने से बिगाड़ रही हैं बैंकों की सेहत
देश के सबसे बडे वाणिज्यिक बैंक, स्टेट बैंक के मुखिया ओपी भट्ट ने मंगलवार को कहा कि पिछले एक दो साल से क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत कर्ज की वसूली में दिक्कतें बढ़ने से बैंकों की सेहत पर असर पड़ा...
देश के सबसे बडे वाणिज्यिक बैंक, स्टेट बैंक के मुखिया ओपी भट्ट ने मंगलवार को कहा कि पिछले एक दो साल से क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत कर्ज की वसूली में दिक्कतें बढ़ने से बैंकों की सेहत पर असर पड़ा है।
भट्ट ने एक बैंकिंग सम्मेलन में कहा पिछले दो वर्ष में बैंकिंग परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में तीव्र गिरावट देखने को मिल रही है, इसकी वजह देखी जा रही है कि क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत कर्जों की वसूली में दिक्कतें बढ़ी हैं, आने वाले दिनों में इससे निपटना हमारी चुनौती।
भट्ट ने कहा विभिन्न डेरिवेटिव उत्पादों को भ्रमक तरीके से बेचने से होने वाले नुकसान और अनुपयुक्त उत्पाद बेचने से होने वाली समस्याओं पर भी बैंकों को ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा हाल के दिनों में बैंकों में नकदी की स्थिति में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। भट्ट ने इस स्थिति को अनिश्चितता वाली स्थिति बताया और कहा कि यह बैंकिंग उद्योग के लिये एक नई तरह की चुनौती है।
भटट भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में वृद्ध की व्यापक संभावनायें दिखाई देती हैं लेकिन इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि बैंकों में सही स्टाफ का चयन हो और उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित की जाए।