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राष्ट्रमंडल खेलों के क्षितिज पर सितारों की कमी नहीं

राजधानी में अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से बेशक कई बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हटने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन अब भी कई सितारें हैं जो इन खेलों में अपनी चमक बिखेरने को पूरी तरह तैयार...

राष्ट्रमंडल खेलों के क्षितिज पर सितारों की कमी नहीं
एजेंसीTue, 07 Sep 2010 01:09 PM
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राजधानी में अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से बेशक कई बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हटने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन अब भी कई सितारें हैं जो इन खेलों में अपनी चमक बिखेरने को पूरी तरह तैयार हैं।
 
तीन अक्टूबर से शुरु हो रहे इन खेलों में जो सबसे बड़े नाम नज़र आएंगे उनमें पांच बार के विश्व चैंपियन तैराक ऑस्ट्रेलिया के ज्यौफ ह्यूगिल, ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड के टाम डेले और चार राष्ट्रमंडल खेलों में 15 पदक जीतने वाले इंग्लैंड के निशानेबाज़ माइकल गाल्ट शामिल हैं।
 
ह्यूगिल पांच बार विश्व चैंपियन बनने के अलावा ओलंपिक खेलों में रजत और कांस्य पदक भी जीत चुके हैं और उन्होंने पांच बार राष्ट्रंमडल खेलों का स्वर्ण पदक भी हासिल कर लिया था। 31 वर्शीय ऑस्ट्रेलियाई तैराक ने इन खेलों में भाग लेने के लिए पिछले वर्ष अपना वज़न 45 किग्रा कम किया था।
 
16 वर्षीय डेले 10 मीटर प्लेटफॉर्म स्पर्धा में मौजूदा विश्व चैंपियन हैं। 2008 के पेइचिंग ओलंपिक में वह सबसे कम उम्र के प्रतियोगी थे। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में जहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कुछ देशों ने चिंता ज़ाहिर की है वहीं डेले ने इस ओर से पूरी तरह निश्चिंत हैं।

वहीं गाल्ट अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में 15 पदक जीत चुके हैं और ऑस्ट्रेलिया के पिस्टल शूटर फिलिप एड़स के 18 पदकों के ऑलटाइम रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्हें केवल चार पदक और चाहिए। इन खेलों में गाल्ट इस रिकॉर्ड को तोड़ने के इरादे से उतरेंगे।
 
राष्ट्रमंडल खेलों में दक्षिण अफ्रीका की विवादास्पद एथलीट कैस्टर सेमेन्या भी नज़र आएंगी। 2009 की विश्व चैंपियनशिप में 800 मीटर का स्वर्ण जीतने वाली सेमेन्या ने 2008 के राष्ट्रमंडल युवा खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था।
 
राष्ट्रमंडल खेलों में सबकी नज़रें विश्व चैंपियन न्यूज़ीलैंड की रग्बी टीम पर भी टिकी होंगी। यह टीम पहले ही तीन बार राष्ट्रमंडल चैंपियन रह चुकी है। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की रग्बी सेवंस प्रतियोगिता में खेलने वाली न्यूजीलैंड की टीम में राष्ट्रीय टीम के चार खिलाड़ी भी भाग लेंगे।
 
इसके अलावा लगातार तीन बार 1998, 2002 और 2006 में स्वर्ण पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई पुरुष हॉकी टीम भी इस बार के राष्ट्रमंडल खेलों में भी जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शिकरत करेगी। 2009 में विश्व तैराकी चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली इंग्लैंड की जेमा स्पोफोर्थ भी इन खेलों की शोभा बढ़ाएंगी जबकि तीरंदाज़ी में विश्व चैंपियन दिएटमर ट्रिलस कनाडा की चुनौती पेश करेंगे।

वहीं भारोत्तोलन में इंग्लैंड की जोए न्यूसन और जोए स्मिथ अपना दम दिखाएंगी। न्यूसन इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी पावरलिफ्टिंग वेट चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता हैं जबकि स्मिथ के नाम 100 के ज्यादा ब्रिटिश रिकॉर्ड हैं। 2010 के युवा राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण विजेता स्मिथ अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए कड़ी चुनौती पेश करेंगी।
 
एथलेटिक्स में सेमेन्या के अलावा कई बड़े सितारे अपनी चमक बिखेरेंगे। इनमें 2008 के ओलंपिक विजेता ऑस्ट्रेलिया एथलीट स्टी हूकर, इंग्लैंड के तिहरी कूद चैंपियन फिलिप्स इडोवु, 1998 और 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण विजेता तथा विश्व चैंपियन डिसकस थ्रोअर न्यूजीलैंड की बीट्रिस फोमुनिया और मौजूदा विश्व, ओलंपिक और राष्ट्रमंडल चैंपियन शॉट पुटर न्यूजीलैंड की वेलेरी विलि शामिल हैं।
 
इनके अलावा ओलंपिक विजेता केन्याई एथलीट नैंसी जेबेट लेगाट, विश्व चैंपियन साइक्लिस्ट न्यूजीलैंड के ग्रेग हेंडरसन, ओलंपिक एवं राष्ट्रमंडल खेलों के रजत एवं कांस्य पदक विजेता साइक्लिस्ट हेडन रालस्टन तथा विश्व के नंबर एक स्क्वैश खिलाड़ी इंग्लैंड के निक मैथ्यू और तीसरे नंबर की महिला स्क्वैश खिलाड़ी इंग्लैंड की ही जेनी डंकाफ भी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनेंगे।
 
ऐसे में उम्मीद है कि जमैका के तिहरे ओलंपिक स्वर्ण विजेता एथलीट यूसेन बोल्ट, उनके हमवतन एथलीट आसफा पावेल और शैली एन प्रेजर, ऑस्ट्रेलियाई टेनिस स्टार लेटन हेविट तथा सामंता तोसूर जैसे खिलाड़ियों के न आने के बावजूद इन खेलों की चमक बिल्कुल फीकी नहीं होगी और खेलप्रेमियों को बेहतरीन मुकाबले देखने को मिलेंगे।

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