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राष्ट्रमंडल खेल मेरी प्राथमिकता नहीं: बोल्ट

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की अनदेखी करने वाले दुनिया के सबसे तेज़ धावक जमैका के स्टार स्प्रिंटर उसेन बोल्ट ने कहा है कि ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है लेकिन उन्होंने साथ ही...

राष्ट्रमंडल खेल मेरी प्राथमिकता नहीं: बोल्ट
एजेंसीMon, 06 Sep 2010 03:09 PM
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दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की अनदेखी करने वाले दुनिया के सबसे तेज़ धावक जमैका के स्टार स्प्रिंटर उसेन बोल्ट ने कहा है कि ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनकी गैरमौजूदगी से तीन से 14 अक्टूबर तक यहां होने वाले खेल बेरौनक हो जाएंगे।
   
बर्लिन विश्व चैम्पिशनशिप 2009 में 100 मीटर की फर्राटा दौड़ सिर्फ 9.58 सेकेंड में पूरी करके विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले बोल्ट ने बताया कि मेरे लिए विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक अधिक महत्वपूर्ण हैं और मैं इन प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए अक्टूबर में ट्रेनिंग शुरू करूंगा। मेरा लक्ष्य लंदन ओलंपिक 2012 है।
   
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता मेरी अनुपस्थिति से जमैका की टीम कमज़ोर होगी। जमैका के पास काफी मज़बूत एथलीट हैं, विशेषकर फर्राटा स्पर्धाओं में।
   
बोल्ट ने राष्ट्रमंडल खेलों से दूर रहने के लिए इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के समय को अहम कारण बताया। उन्होंने कहा कि मेरे कोच ने मेरे लिए जो कार्यक्रम तय किया है, उसके मुताबित राष्ट्रमंडल खेलों की तारीखें मेरी अगले सत्र की तैयारी के साथ टकरा रही हैं।
   
बोल्ट ने कहा कि सामान्यत: अक्टूबर ऑफ सीज़न होता है जब खिलाड़ी आराम कर रहे होते हैं। यह फैसला लेने के बाद मेरी कमर में भी चोट लग गई जिसके कारण वैसे भी मैं इस प्रतियोगिता से बाहर हो जाता।
    
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि जमैका ने इस प्रतियोगिता के लिए किसे चुना है। मुझे लगता है कि कुछ और एथलीट भी प्रतियोगिता की तारीखों के कारण उपलब्ध नहीं रहेंगे।

बोल्ट के अलावा जमैका के उनके साथी फर्राटा धावक असाफा पावेल (पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक), इंग्लैंड के क्रिस हाय (साइकिलिंग में ओलंपिक स्वर्ण विजेता), डेविड रूडिशा (800 मीटर विश्व रिकॉर्ड धारक), शैली आन फ्रेजर (100 मीटर की ओलंपिक और विश्व चैम्पियन), दुनिया के चौथे नंबर के टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी लेटन हेविट भी विभिन्न कारणों से राष्ट्रमंडल खेलों से हट गए हैं।

बोल्ट ने हालांकि इस बात से इंकार कर दिया कि दिल्ली नहीं आने के उनके फैसले के पीछे प्रायोजन कोई कारण है। उन्होंने कहा कि प्रायोजन का इससे कुछ लेना देना नहीं है।

अपनी तेज़ी के लिए लाइटनिंग बोल्ट के नाम से मशहूर यह 24 वर्षीय धावक अगस्त में कमर की चोट के कारण बाकी सत्र से बाहर हो गया और 19 अगस्त को ज्यूरिख तथा 27 अगस्त को ब्रुसेल्स डायमंड लीग में भी हिस्सा नहीं ले पाया था जो सत्र की दो अंतिम प्रतियोगिताएं थी।

ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप की 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर रिले में स्वर्ण पदक इन दोनों प्रतियोगिताओं में सोने के तमगों की अनोखी तिकड़ी बनाने वाले बोल्ट ने कहा कि वह जल्द ही ट्रेनिंग शुरू करेंगे।

आईएएएफ वर्ल्ड एथलीट ऑफ द ईयर और लारेस स्पोटर्समैन ऑफ द ईयर जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार जाने वाले बोल्ट ने कहा कि मैं पिछले तीन हफ्ते से ट्रेनिंग नहीं कर पाया हूं। मैं अक्टूबर की शुरूआत में एक बार फिर ट्रेनिंग शुरू करूंगा। मेरी अगली बड़ी प्रतियोगिता 2011 आईएएएफ विश्व ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियशिप होगी।

यह पूछने पर कि क्या वह भारतीय एथलीटों का उत्साह बढ़ाने के लिए भविष्य में कभी भारत आना चाहेंगे, बोल्ट ने इसका सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि मैं भारत आना चाहूंगा क्योंकि मैं इससे पहले कभी वहां नहीं गया।

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