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Hindi Newsतनख्वाह में एसबीआई मुखिया से भी पिछड़े हैं आरबीआई गवर्नर

तनख्वाह में एसबीआई मुखिया से भी पिछड़े हैं आरबीआई गवर्नर

भले ही रिजर्व बैंक देश में सभी निजी क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों की तनख्वाह पर मुहर लागता हो, लेकिन खुद उसके शीर्ष अधिकारियों की तनख्वाह सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के तमाम बड़े...

तनख्वाह में एसबीआई मुखिया से भी पिछड़े हैं आरबीआई गवर्नर
एजेंसीSun, 05 Sep 2010 04:07 PM
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भले ही रिजर्व बैंक देश में सभी निजी क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों की तनख्वाह पर मुहर लागता हो, लेकिन खुद उसके शीर्ष अधिकारियों की तनख्वाह सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के तमाम बड़े अधिकारियों से कम है।

रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों और देश में अन्य बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को मिलने वाली तनख्वाह का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव का कुल पारिश्रमिक न केवल निजी बैंकों, बल्कि सरकारी बैंकों के प्रमुखों की तनख्वाह से कम है।

तनख्वाह के बीच का यह अंतर कुछ मामलों में तो रिजर्व बैंक के गर्वनर, उसके चार डिप्टी गवर्नरों और साथ कार्यकारी निदेशकों को मिलने वाली तनख्वाह से 20 गुना अधिक है। सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक से मिली सूचना के मुताबिक, रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव को जून, 2010 में 1,28,500 रुपए का सकल वेतन मिला। इसका मतलब है कि उनका सालाना वेतन पैकेज 15 लाख रुपए से थोड़ा अधिक का है।

इसी महीने रिजर्व बैंक के चार डिप्टी गवर्नरों श्यामला गोपीनाथ, उषा थोराट, केसी चक्रवर्ती और सुबीर गोकर्ण प्रत्येक को 1,11,500 रुपए सकल वेतन मिला। इस तरह से सालाना पैकेज 13.4 लाख रुपए का हुआ।

वहीं आरबीआई के सात कार्यकारी निदेशकों में प्रत्येक को 90,271 रुपए का वेतन पैकेज जून, 2010 में मिला। दूसरी ओर, विभिन्न निजी क्षेत्र के 14 बैंकों में कम से कम 14 शीर्ष अधिकारियों को बीते वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए से अधिक का वेतन पैकेज मिला।

सरकारी बैंकों में एसबीआई चेयरमैन ओपी भट्ट सहित कम से कम 10 शीर्ष अधिकारियों का वेतन सुब्बाराव से अधिक रहा। बीते वित्त वर्ष में भट्ट का कुल पारिश्रमिक करीब 26.5 लाख रुपए रहा।

एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी को बीते वित्त वर्ष में 3.40 करोड़ रुपए, जबकि आईसीआईसीआई बैंक की एमडी एवं सीईओ चंदा कोचर को 2.08 करोड़ रुपए बतौर पारिश्रमिक मिला।

उल्लेखनीय है कि सरकार न केवल सरकारी बैंकों, बल्कि रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों का पारिश्रमिक तय करती है, बल्कि निजी क्षेत्र के बैंकों को अपने शीर्ष कार्यकारियों के वेतन के लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी लेनी होती है।

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