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गतिरोध में फंसा मुकदमा, आयोग गठन की जरूरत: पाक

पाकिस्तान ने शनिवार को स्वीकार किया कि मुंबई हमलों में संलिप्तता के लिए आरोपित लश्कर-ए-तैयबा के जकीउर रहमान लख्वी और छह अन्य का मुकदमा गतिरोध में फंस गया है और चीजों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दो...

गतिरोध में फंसा मुकदमा, आयोग गठन की जरूरत: पाक
एजेंसीSat, 04 Sep 2010 01:43 PM
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पाकिस्तान ने शनिवार को स्वीकार किया कि मुंबई हमलों में संलिप्तता के लिए आरोपित लश्कर-ए-तैयबा के जकीउर रहमान लख्वी और छह अन्य का मुकदमा गतिरोध में फंस गया है और चीजों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दो प्रमुख भारतीय गवाहों की गवाही रिकार्ड करने के लिए एक आयोग का गठन जरूरी है।

भारतीय उच्चायुक्त शरत सब्बरवाल के साथ मुलाकात के बाद पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने शनिवार सुबह कहा कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के मार्फत भारतीय गवाहों की गवाही के मुद्दे पर पाकिस्तानी संदिग्धों की सुनवाई समस्याओं में उलझ गई क्योंकि पाकिस्तानी कानून में इसकी इजाजत नहीं है।

गृह मंत्रालय में सब्बरवाल से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अपने भारतीय समकक्ष पी चिदंबरम के साथ हाल में टेलीफोन पर वार्ता में उन्होंने संबंधित अधिकारियों पर आधारित एक आयोग के गठन पर चर्चा की थी जो मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी का बयान दर्ज करने के लिए भारत की यात्रा करेगा।

मलिक ने कहा कि चिदंबरम ने उनसे कहा था कि जब पाकिस्तानी प्रस्ताव मिलेगा तो उस पर विचार किया जाएगा। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रही आतंकवाद निरोधी पाकिस्तानी अदालत को अब भी भारत के इस प्रस्ताव पर फैसला करना है कि गवाहों की गवाही वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कराई जाए और सुनवाई फंस गई।

मलिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि यह सुनवाई आगे बढ़े। यही कारण है कि चिदंबरम से बातें करते हुए मैंने भारत से प्रस्ताव किया कि कैसा होगा अगर हम अपना मामला अपनी सुनवाई अदालत में बढ़ाएं और हम उनसे किसी आयोग की नियुक्ति का आग्रह करें।

उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी अभियोजन सोमवार को रावलपिंडी आधारित निचली अदालत में आयोग के गठन पर एक याचिका दायर करेंगे।

भारत ने प्रस्ताव किया था कि दो गवाहों - मजिस्ट्रेट जिसने मुंबई हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया एकमात्र जीवित आतंकवादी हमलावर अजमल कसाब का इकबालिया बयान दर्ज किया था और पुलिस अधिकारी जिसने मामले की जांच की थी - के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दर्ज किए जाएं। मलिक ने कहा कि पाकिस्तानी कानून के हिसाब से इसकी इजाजत नहीं है।

मलिक ने कहा कि हालांकि पाकिस्तानी कानून के तहत इस तरह की वीडियो कान्फ्रेंसिंग की इजाजत नहीं है, पाकिस्तानी अभियोजकों ने वीडियो लिंक पर गवाही देने के लिए भारतीय गवाहों को इजाजत देने का निचली अदालत से विशेष आग्रह किया है। आतंकवाद निरोधी अदालत को अभी इस मुद्दे पर फैसला करना है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने और चिदंबरम ने सुरक्षा मुद्दों पर और पाकिस्तान में मुंबई हमलों के आरोपियों की जारी सुनवाई के कुछ पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों नेताओं ने कब यह चर्चा की।

उन्होंने यह भी बताया कि पाकस्तानी अधिकारी पाकिस्तान के नवीनतम डासियर पर अगले हफ्ते की शुरूआत में भारत का जवाब आने की उम्मीद कर रहे हैं। लखवी और छह अन्य पाकिस्तानी संदिग्धों पर के मुकदमे में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

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