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राष्ट्रमंडल खेलों में होगी चार स्तरीय कड़ी सुरक्षा

राजधानी में तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में सुरक्षा की इतनी कड़ी व्यवस्था होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। इन खेलों के लिए चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रखी...

राष्ट्रमंडल खेलों में होगी चार स्तरीय कड़ी सुरक्षा
एजेंसीWed, 01 Sep 2010 07:56 PM
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राजधानी में तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में सुरक्षा की इतनी कड़ी व्यवस्था होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। इन खेलों के लिए चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रखी जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रमंडल खेलो की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस बैठक में गृह सचिव जीके पिल्लई, दिल्ली पुलिस आयुक्त वाई एस डडवाल, गुप्तचर एजेंसियों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे और उन्होंने गृह मंत्री को इन खेलों के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी।

इन खेलों में 71 देशों के दस हजार से ज्यादा एथलीट और अधिकारी हिस्सा लेंगे जबकि इन्हें देखने के लिए पांच लाख दर्शकों के पहुंचने की उम्मीद है। समझा जाता है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त डडवाल ने सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, ट्रैफिक के प्रबंधन और आपात स्थिति के लिए आपात योजना के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। इन खेलों के दौरान चार स्तरीय सुरक्षा रहेगी जिसे सेना का सहयोग हासिल रहेगा। सुरक्षा एजेंसियां सात सिंतबर से सभी खेल स्थलों को अपने नियंत्रण में लेंगी।

दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो इन खेलों के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। खेलों पर हवाई निगरानी रखने के लिए हेलीकाप्टर तैनात रहेंगे जिसमें निशानेबाज कमांडो होंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य मार्च 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेटरों पर हुए आतंकवादी हमले जैसी घटनाओं को रोकना है।

हालांकि खेलों के लिए कोई विशेष खतरे जैसी बात नही है लेकिन विदेशी खिलाड़ी और अधिकारी सुरक्षा को लेकर बराबर चिंता जाहिर करते रहे हैं। चिदम्बरम ने बैठक के बाद कहा कि पुलिस सभी खेल स्थलों को सात सितंबर से अपने नियंत्रण में ले लेगी। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सुरक्षा का काम 15 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद एक और समीक्षा की जाएगी।

सुरक्षा योजना के अनुसार एथलीट, अधिकारी और अतिथि खेलों के मुख्य स्थल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में केवल बस से ही पहुंच सकेंगे। राष्ट्रों के प्रमुखों को छोड़कर किसी अन्य वीआईपी को अपनी कार अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

स्टेडियम में 150 बसों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। बसों और अन्य गाड़ियों के काफिले की सुरक्षा के लिए एथलीटों को ले जाने वाले 574 वाहनों में से प्रत्येक को हर सुबह अनिवार्य जांच से गुजरना होगा जिसके बाद ही एथलीट उसमें सवार हो सकेंगे।

सभी खेल स्थलों और खेल गांव को अपने नियंत्रण में लेने के बाद सुरक्षा एजेंसियां मेटल बेरियर, टायर बस्टर्स, सीसीटीवी और मेटल डिटेक्टर लगाने का काम शुरू कर देंगी। इसके अलावा आपात स्थिति के लिए सुरक्षा अभ्यास भी शुरू कर दिया जाएगा।

इलैक्ट्रानिक बार कोड अधिकृत कारों और बसों को प्रदान किए जाएंगे और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा छद्म सुरक्षा अभ्यास भी किया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सुरक्षा वैसी ही होगी जैसी कि संसद के लिए की गई है।

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