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अंतरराष्ट्रीय संस्था जुर्माना कम करने पर सहमत नहीं होगी: आईडब्ल्यूएफ

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था उन पर लगे भारी जुर्माने को लेकर खेल मंत्रालय के उस आवदेन को नहीं स्वीकारेगी जिसमें उन्होंने जुर्माने को कम करने की अपील...

अंतरराष्ट्रीय संस्था जुर्माना कम करने पर सहमत नहीं होगी: आईडब्ल्यूएफ
एजेंसीSat, 21 Aug 2010 08:18 PM
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भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था उन पर लगे भारी जुर्माने को लेकर खेल मंत्रालय के उस आवदेन को नहीं स्वीकारेगी जिसमें उन्होंने जुर्माने को कम करने की अपील की है। पिछले साल छह भारोत्तोलकों के डोपिंग में पकड़े जाने पर आईडब्ल्यूएफ पर यह भारी जुर्माना लगाया गया था।

मंत्रालय ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के समक्ष जुर्माने की राशि को कम करने और इसके भुगतान की तारीखों में बदलाव करवाने संबंधित मुद्दा उठाने को कहा है।

आईडब्ल्यूएफ पर पांच लाख डालर का जुर्माना लगाया गया था, अब तक उसने अपने स्रोतों से 125000 डालर ही दिए हैं। भारतीय महासंघ ने बची हुई 375000 डालर की शेष राशि को देने के लिए आईओए और मंत्रालय से मदद की अपील की है ताकि भारतीय भारोत्तोलकों को राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में भाग लेने से नहीं रोका जाए। इसके भुगतान करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है।

आईडब्ल्यूएफ के महासचिव सहदेव यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था जुर्माने को कम करने या भुगतान की तारीखों में फेरबदल करने की अपील नहीं मानेगी। यादव ने कहा कि हमने पहले भी अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ से छूट देने की अपील की थी, यहां तक की आईओए ने भी उनसे आग्रह किया था। इसके बाद ही उन्होंने इस अंतिम तिथि को 31 अगस्त तक बढ़ाया था। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने साफ कर दिया है कि वे इस जुर्माने को कम नहीं करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि भारोत्तोलक राष्ट्रमंडल खेलों में तभी भाग ले सकते हैं जब हम यह जुर्माना भर दें। अगर हम यह जुर्माना नहीं भर पाते हैं तो मुझे नहीं लगता कि हम राष्ट्रमंडल खेलों में खेल पाएंगे। यादव ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने काफी पहले आईओए और मंत्रालय से सहायता मांगी थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि हमने आईओए और खेल मंत्रालय से हमें ब्याज मुक्त ऋण देने का आग्रह किया था, जिससे हम जुर्माना भर सके। इस संबंध में हमने आईओए और मंत्रालय को कई बार बताया है लेकिन हमें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

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