परमाणु दायित्व विधेयक पारित होने का रास्ता साफ
विवादास्पद परमाणु दायित्व विधेयक के बारे में संसद की एक स्थायी समिति ने बुधवार को अपनी बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में पेश कर दी जिसमें परमाणु हादसे की स्थिति में मुआवजे की अधिकतम राशि...
विवादास्पद परमाणु दायित्व विधेयक के बारे में संसद की एक स्थायी समिति ने बुधवार को अपनी बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में पेश कर दी जिसमें परमाणु हादसे की स्थिति में मुआवजे की अधिकतम राशि को 500 करोड़ ररुपये से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की गई है। इससे विधेयक पर लंबे समय से कायम राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो गया है और इसी सत्र में इसके पारित होने का रास्ता भी साफ हो गया है।
दोनों सदनों में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद के सदस्यों के इस विधेयक के बारे में भाजपा और कांग्रेस में डील होने के आरोपों को लेकर हुए जोरदार हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारियों ने यह रिपोर्ट सदन के पटल पर रखवाई।
डॉ टी सुब्बारामी रेड्डी की अध्यक्षता वाली 25 सदस्यीय समिति में से वाम दलों के सदस्यों को छोड़कर बाकी सभी ने इसकी सिफारिशों का समर्थन किया है। फारवर्ड ब्लाक के वरुण मुखर्जी और माकपा के समन पाठक ने हालांकि सिफारिशों से सहमत नहीं होते हुए रिपोर्ट में अपनी असहमति टिप्पणी दर्ज कराई है।
समिति ने अपनी सिफारिश में मुआवजे की राशि को बढ़ाने की पुरजोर अपील करते हुए कहा कि समिति सिफारिश करती है कि मुद्रास्फीति के मौजूदा स्तर और भारतीय मुद्रा के क्रय मूल्यों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए प्रचालक के दायित्व को बढ़ाने की आवश्यकता है जो इस समय 500 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, समिति इस मुद्दे पर विचार करने के पश्चात महसूस करती है कि चूक रहित कड़े दायित्व के सिद्धांत का विधेयक में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए तथा प्रचालक के दायित्व की राशि 1500 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
अपनी इस सिफारिश में कमी नहीं करने की सरकार से पुरजोर अपील करते हुए समिति ने कहा कि सरकार यह राशि बढ़ा तो सकती है किंतु इसे किसी भी स्थिति में घटाना नहीं चाहिए।