परमाणु दायित्व विधेयक पर भाजपा और सरकार में सहमति
विवादास्पद परमाणु दायित्व विधेयक पर विपक्ष की अधिकतर चिंताओं को दूर करने के सरकार के प्रयास के बाद भाजपा ने संकेत दिया है कि वह अब इसे संसद में पारित होने देने में बाधा नहीं बनेगी। इस विधेयक को...
विवादास्पद परमाणु दायित्व विधेयक पर विपक्ष की अधिकतर चिंताओं को दूर करने के सरकार के प्रयास के बाद भाजपा ने संकेत दिया है कि वह अब इसे संसद में पारित होने देने में बाधा नहीं बनेगी।
इस विधेयक को लोकसभा में रखने से एक दिन पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से बातचीत की। बताया जाता है कि यह बैठक काफी सकारात्मक रही और दोनों पक्षों में विधेयक के अधिकतर मुद्दों पर आम राय बनी।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने पार्टी को आश्वस्त किया है कि विधेयक के जिन चार पांच बिंदुओं पर उसे आपत्ति है, उन्हें काफी हद तक दूर किया जाएगा।
भाजपा की मुख्य आपत्ति परमाणु दुर्घटना होने की स्थिति में मुआवजे के लिए 500 करोड़ रुपए की अधिकतम सीमा तय किए जाने पर थी और बताया जाता है कि सरकार इसमें वृद्धि करने पर सहमत हो गई है।
विधेयक पर विचार कर रही संसद की एक स्थायी समिति ने आज उस पर अंतिम विचार विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा और संप्रग सदस्यों में आम सहमति बन गई और मुख्य विपक्षी दल समिति की रिपोर्ट में असहमति टिप्पणी दर्ज नहीं कराने पर राजी हो गया।
सरकार संसद के वर्तमान सत्र में ही इसे पारित कराना चाहती है। भाजपा अगर इसे अपना समर्थन दे देती है तो सरकार को इसे पारित कराने के लिए बसपा, सपा और राजद के समर्थन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और इसके विरोध पर कायम वाम दल भी अलग थलग पड़ जाएंगे।