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मंगल-शुक्र से नहीं एक ही ग्रह के होते हैं स्त्री-पुरुष

कहावत है कि स्त्रियां और पुरुष अलग अलग ग्रहों से आते हैं लेकिन मनोविज्ञान की एक नई पुस्तक में दावा किया गया है कि लालन-पालन के कारण ही उनमें अलग-अलग कौशल आता है। कोर्डेलिया फाइन की पुस्तक डिल्यूजंस...

मंगल-शुक्र से नहीं एक ही ग्रह के होते हैं स्त्री-पुरुष
एजेंसीMon, 16 Aug 2010 07:19 PM
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कहावत है कि स्त्रियां और पुरुष अलग अलग ग्रहों से आते हैं लेकिन मनोविज्ञान की एक नई पुस्तक में दावा किया गया है कि लालन-पालन के कारण ही उनमें अलग-अलग कौशल आता है।

कोर्डेलिया फाइन की पुस्तक डिल्यूजंस आफ जेंडर में दावा किया गया है कि प्रकृति नहीं बल्कि लालन-पालन की प्रक्रिया के कारण स्त्री और पुरुष अलग-अलग दक्षता वाले होते हैं।

पुस्तक में दावा किया गया है कि दोनों को अलग-अलग करने में कुदरत का कोई हाथ नहीं होता। कोर्डेलिया मेलबर्न विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक हैं।

डेली मेल ने खबर दी है कि मर्द और औरत में कौशल, गुणों और व्यक्तित्व पर सबसे बड़ा प्रभाव उनकी लालन पालन की परिस्थितियों का पड़ता है। इसलिए किसी कुदरती करिश्मे के साथ पुरुष मैप रीडिंग और पार्किंग की बुद्धि के साथ नहीं जन्मते। स्त्रियां भी एक साथ कई काम करने की दक्षता तथा संवाद का कौशल मां के पेट से सीख कर नहीं आतीं।

किताब के अनुसार स्त्रियों और पुरुषों में कोई विशेष न्यूरोलाजिकल (तंत्रिका संबंधी) अंतर नहीं होता। दोनों के मस्तिष्कों में कुछ हल्का-फुल्का अंतर होता तो है लेकिन वायरिंग साफ्ट होती है। हार्ड नहीं।

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