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खूबसूरती की लालसा में ब्रिटेन-फ्रांस से आगे हैं हम

प्लास्टिक सर्जरी से स्वयं को खूबसूरत बनाने के मामले में हम ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देशों से भी कहीं आगे निकल गए हैं। हाल के एक वैश्विक सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत...

खूबसूरती की लालसा में ब्रिटेन-फ्रांस से आगे हैं हम
एजेंसीWed, 11 Aug 2010 08:02 PM
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प्लास्टिक सर्जरी से स्वयं को खूबसूरत बनाने के मामले में हम ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देशों से भी कहीं आगे निकल गए हैं। हाल के एक वैश्विक सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत प्लास्टिक सर्जरी कराने के मामले में दुनिया भर में चौथे क्रमांक पर पहुंच गया है।

इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी द्वारा कराए इस सर्वेक्षण में भारत को ऐसे देशों की सूची में चौथे क्रमांक पर रखा गया है, जहां के लोग अपनी किसी कमी को दूर करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। महाद्वीपों के स्तर पर इस सर्वेक्षण में एशिया सबसे उपर है।

देश के एक अग्रणी कॉस्मेटिक सर्जन संजय पाराशर के मुताबिक समय के साथ खूबसूरती की अवधारणा में बदलाव आ रहा है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में लोग खुद को ज्यादा जवान और युवा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसके चलते वे ऐसी प्रक्रियाओं को भी अपना रहे हैं।

उन्होंने बताया कि उनके पास आने वाले लोगों में मम्मी मेकओवर कराने वाले, चेहरे को फिर से जवां दिखाने की इच्छा रखने वाले, पेट को कम करने के इच्छुक, स्तनों का आकार फिट कराने की इच्छुक महिलाएं और चर्बी कम करने के इच्छुक लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। मम्मी मेकओवर नई मांओं के लिए होने वाली प्रक्रिया है।

सर्वेक्षण में ऐसे शीर्षस्थ 25 देशों को शामिल किया गया था, जिन देशों में प्रमाणित प्लास्टिक सर्जनों द्वारा वर्ष 2009 के दौरान दुनिया भर की कुल सर्जरियों की लगभग 75 फीसदी सर्जरियां की गईं।
   
भारत में वर्ष 2009 के दौरान ऐसी कुल 894,700 सर्जरियां हुईं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले चर्बी कम करने के थे। 25 देशों की इस सूची में सबसे उपर अमेरिका का नाम है, जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: चीन और ब्राजील हैं। मैक्सिको पांचवे, स्पेन 10वें, फ्रांस 14वें, ब्रिटेन 17वें और ऑस्ट्रेलिया 21वें नंबर पर है। सूची में सबसे नीचे पुर्तगाल का नाम है।
   
डॉ़ पाराशर के मुताबिक हमारे पास अमेरिका और पश्चिम से भी बहुत से लोग यह सर्जरी कराने आ रहे हैं। इसका कारण है कि हमारे यहां यह सस्ते दामों पर होने के साथ सुविधाएं भी बहुत अच्छी हैं। हम चीन की तुलना में अंग्रेजी में बातचीत करने में भी ज्यादा अच्छे हैं।
   
मनोवैज्ञानिक संजय चुग के मुताबिक भारत में अमीर लोगों में परफेक्ट और कुछ अलग दिखने की इच्छा बलवती है और इसलिए ऐसे मामलों में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा यह परंपरा ज्यादातर दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में है, जहां के लोगों के पास ऐसा खर्चीला इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा है।

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