आइशा
कहानी साउथ दिल्ली के पॉश इलाके में रहने वाली सुपर रिच आइशा (सोनम कपूर) के साथ दिक्कत ये है कि वो अपने आस-पास के लोगों की दिक्कतों को अपनी दिक्कत समझती है। उसे लगता है कि बहादुरगढ़ की रहने वाली...
कहानी
साउथ दिल्ली के पॉश इलाके में रहने वाली सुपर रिच आइशा (सोनम कपूर) के साथ दिक्कत ये है कि वो अपने आस-पास के लोगों की दिक्कतों को अपनी दिक्कत समझती है। उसे लगता है कि बहादुरगढ़ की रहने वाली शेफाली (अमृता पुरी) का मेकओवर तब तक नहीं होगा, जब तक उसे कोई हैंडसम लड़का नहीं मिलेगा। न चाहते हुए भी आइशा की हर बात उसकी बेस्ट फ्रैंड पिंकी (इरा दुबे) को माननी पड़ती है। लेकिन इन सबके बीच अर्जुन (अभय देओल) अकेला ऐसा बंदा है, जो आइशा के पंगों से दूर रहता है। एक दिन लगता है कि शेफाली और रणधीर (सायरस साहूकार) की जोड़ी सॉलिड जमेगी। उन दोनों को करीब लाना उसका मिशन बन जाता है। लेकिन शेफाली सौरभ (आनंद तिवारी) को पसंद करने लगती है। ऐसे में जब आइशा की मुलाकात ध्रुव (अरुणोदय सिंह) से होती है तो उसे लगता है कि अब शेफाली के लिए वही राइट च्वाइस है। यहां भी वह गलत साबित होती है, क्योंकि ध्रुव तो आरती (लीजा हेडन) को चाहने लगता है। अपना हर दांव उल्टा पड़ता देख आइशा को अहसास होता है कि वो इस स्टूपिड क्यूपिड के चक्कर में पड़ी ही क्यों थी।
निर्देशन
राजश्री ओझा के निर्देशन में यूथ अपील दिखती है। अपने मन की चलाने वाली एक फैशनेबल लड़की, जो अपने पिता की लाडली है और उसके दोस्तों की झल्लाहट आदि का उन्होंने बेहद खूबसूरती से चित्रण किया है। इंटरवल से पहले फिल्म बांधे रखती है। इमोशनल सीन्स को उन्होंने बिल्कुल ओवर नहीं होने दिया।
अभिनय
‘आइशा’ केवल सोनम कपूर पर ही केन्द्रित नहीं है, क्योंकि इरा दुबे, अमृता पुरी, अरुणोदय सिंह, सायरस साहूकार और सौरभ तिवारी ने फिल्म में जबरदस्त परफॉरमेंस दी है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि सोनम के अभिनय में फिल्म दर फिल्म निखार आ रहा है।
गीत-संगीत
गल मीट्ठे मीट्ठे बोल.. गीत में भांगड़ा की मस्ती है। बाकी गीत साधारण हैं।
क्या है खास
एम्मा को ध्यान में रखते हुए सोनम का कैरेक्टर काफी दिलचस्प बनाया गया है। और खास है सोनम व उसके दोस्तों का फैशनेबल स्टाइल, साउथ दिल्ली के रईसों की जीवनशैली का चित्रण, फिल्म का ट्रीटमेंट और ह्यूमर के पंचेज।
क्या है बकवास
जब आइशा को इस बात का एहसास होता है कि सब लोग उससे दूर जा रहे हैं, तब फिल्म काफी स्लो हो गयी है।
पंचलाइन
एक क्लासिक नॉवेल पर फ्रेश अप्रोच और उम्दा अभिनय के साथ एक दिलचस्प फिल्म, जो मल्टीप्लेक्स दर्शकों के टेस्ट वाली है। फन, मस्ती के बीच अच्छा टाइमपास।
सितारे : सोनम कपूर, अभय देओल, सायरस साहूकार, इरा दुबे, अमृता पुरी, अरुणोदय सिंह, लीजा हेडन
निर्माता/बैनर : अनिल कपूर फिल्म्स कं. व पीवीआर पिक्च./ अनिल कपूर, अजय बिजली, संजीव के. बिजली, रेहा कपूर
निर्देशक : राजश्री ओझा
गीत : जावेद अख्तर
संगीत : अमित त्रिवेदी
अनन्या, छात्र, सरोजिनी नगर: अच्छी मूवी है। कहानी भी अच्छी है। सोनम का अभिनय अच्छा लगा।
पांखुड़ी, छात्र, सिविल लाइन्स: बीच में कई जगह स्लो है, लेकिन अच्छी फिल्म है। अभय की एक्टिंग अच्छी लगी।
ईशा, छात्र, अशोक विहार: संगीत अच्छा लगा। सोनम-अभय की वजह से एक बार देखी जा सकती है।
सुलभ रस्तोगी, वर्किग: यंग लोगों की फिल्म है, तो उन्हें ही पसंद आएगी। वन टाइम मूवी है।