फोटो गैलरी

Hindi Newsहाकी इंडिया के चुनाव कल

हाकी इंडिया के चुनाव कल

हाकी इंडिया के गुरुवार को होने वाले बहुप्रतीक्षित चुनाव से पहले मतदाताओं की सूची से खुलासा हुआ है कि असम ओलंपिक संघ का एक सदस्य हाकी मेघालय का प्रतिनिधित्व करेगा। मेघालय राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव...

हाकी इंडिया के चुनाव कल
एजेंसीWed, 04 Aug 2010 09:05 PM
ऐप पर पढ़ें

हाकी इंडिया के गुरुवार को होने वाले बहुप्रतीक्षित चुनाव से पहले मतदाताओं की सूची से खुलासा हुआ है कि असम ओलंपिक संघ का एक सदस्य हाकी मेघालय का प्रतिनिधित्व करेगा।

मेघालय राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव डी सरमिलेह द्वारा शिलांग के सरदार पुलिस थाने में दायर प्राथमिकी के अनुसार हाकी मेघालय के प्रतिनिधि राज काकोती असम ओलंपिक संघ के कोषाध्यक्ष हैं जबकि महिला सदस्य सुमिता सिन्हा भी असम की हैं।

प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कल के चुनाव में काकोती और सिन्हा हाकी मेघालय के प्रतिनिधि हैं जो सक्रिय नहीं है। प्राथमिकी की प्रति मेघालय के उप मुख्यमंत्री, मेघालय खेल विभाग के आयुक्त और सचिव को भेजी गई है।

असम ताइक्वांडो संघ के सचिव काकोती पिछले महीने चार देशों के हैम्बर्ग मास्टर्स टूर्नामेंट में आखिरी रही भारतीय पुरुष टीम के मैनेजर भी थे। वह बेल्जियम, फ्रांस और हालैंड का दौरान करने वाली राजपाल सिंह की अगुवाई वाली टीम के भी मैनेजर थे।

उम्र और कार्यकाल संबंधी सरकारी दिशानिर्देशों को धता बताते हुए हाकी इंडिया ने अध्यक्ष पद के लिए 83 बरस की विद्या स्टोक्स को उम्मीदवार बनाया है जिनका सामना भारत के पूर्व कप्तान परगट सिंह है।

हाकी इंडिया के चुनाव विभिन्न कारणों से चार बार स्थगित हो चुके हैं। हाल ही में 28 जुलाई को बंबई और दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना था कि केंद्र सरकार हाकी इंडिया और आईएचएफ के वैधानिक दर्जे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी है जबकि बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र हाकी संघ की याचिका पर यह फैसला सुनाया। हाकी इंडिया ने इन फैसलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी। न्यायालय ने स्थगनादेश हटाकर चुनाव की सशर्त अनुमति दे दी थी।

खेल मंत्रालय ने हालांकि सोमवार को कहानी में नया मोड़ ला दिया जब उसने हाकी इंडिया और केपीएस गिल की अध्यक्षता वाले आईएचएफ को कारण बताओ नोटिस जारी किए। मंत्रालय ने कल के चुनाव से पहले हाकी इंडिया से स्पष्टीकरण मांगा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निजी संस्था करार दिए जाने के बाद उसकी मान्यता रद्द क्यों नहीं कर दी जाए। सरकार ने आईएचएफ को उसके और अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देने के लिए 14 दिन का समय दिया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें