फोटो गैलरी

Hindi Newsराष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन को लेकर चिंतित नहीं है न्यूजीलैंड

राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन को लेकर चिंतित नहीं है न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड ओलंपिक समिति ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी को राहत देते हुए इन खेलों के आयोजन को लेकर उठ रही सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है।   तीन से 14 अक्टूबर तक...

राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन को लेकर चिंतित नहीं है न्यूजीलैंड
एजेंसीWed, 04 Aug 2010 02:51 PM
ऐप पर पढ़ें

न्यूजीलैंड ओलंपिक समिति ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी को राहत देते हुए इन खेलों के आयोजन को लेकर उठ रही सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है।
 
तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों और सुरक्षा को लेकर उठाई जा रही चिंताओं के बीच न्यूजीलैंड ओलंपिक समिति के महासचिव बैरी मैस्टर ने कहा कि वह इन नकारात्मक खबरों से बिल्कुल चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समिति इन खेलों के सफल आयोजन को लेकर पूरी तरह आशान्वित है।
 
इससे पहले राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के सुरक्षा सलाहकार नील फर्ग्युस ने मंगलवार को कहा था कि दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सुरक्षा इंतजाम बेहद धीमी गति से हो रहे हैं और अब तक यह वांछित मानकों पर नहीं पहुंचे हैं।
 
आयोजन समिति पर गत 29 अक्टूबर को लंदन के बकिंघम पैलेस में हुए क्वींस बेटन रिले समारोह की आयोजक ब्रिटिश कंपनी ए एम फिल्म्स को उसकी सेवाओं के बदले भुगतान में हेरफेर करने का आरोप भी है जिसकी जांच के लिए कलमाडी ने मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की थी।
 
कलमाडी का दावा है कि समिति ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की सिफारिश पर ही ए एम फिल्म्स की सेवाएं ली थी लेकिन उच्चायोग ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया था। अपने इस दावे की पुष्टि के लिए कलमाडी ने ईमेल की जो प्रतियां बांटी थी उनके बारे में विदेश मंत्रालय का कहना है कि शायद उनसे छेड़छाड़ हुई है। इस मुद्दे पर सफाई देने के लिए कलमाडी विदेशी मंत्री एस एम कृष्णा से भी मिले थे।
 
ग्यातव्य है कि राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी परियोजनाओं की जांच कर रहे केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर पैसे का हेरफेर हुआ है और निविदा दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है। सीवीसी ने एक परियोजना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने के साथ ही अपनी जांच का दायरा बढ़ाने का भी संकेत दिया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें