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सचिन बने सर्वाधिक टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर

क्रिकेट की दुनिया में नित नए कीर्तिमान बना रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को यहां पी सारा ओवल में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में उतरने के साथ ही एक नया विश्व रिकॉर्ड बना...

सचिन बने सर्वाधिक टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर
एजेंसीTue, 03 Aug 2010 01:29 PM
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क्रिकेट की दुनिया में नित नए कीर्तिमान बना रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को यहां पी सारा ओवल में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में उतरने के साथ ही एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया।
 
बल्लेबाजी का लगभग हर रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले क्रिकेट के भगवान सचिन का यहां 169वां टेस्ट है और इसके साथ ही उन्होंने क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ (168 टेस्ट) को पीछे छोड़कर सर्वाधिक टेस्ट खेलने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
 
सर्वाधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाडियों की सूची में सचिन और स्टीव वॉ के बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बार्डर (156), तीसरे उनके हमवतन रिकी पोंटिंग (146), चौथे शेन वार्न (145), पांचवें भारत के राहुल द्रविड (141), छठे दक्षिण अफ्रीका के जाक कैलिस (140) सातवें और उनके हमवतन मार्क बाउचर (134) आठवें स्थान पर हैं।
 
टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रनों और शतकों को रिकॉर्ड रखने वाले सचिन ने अपना टेस्ट करियर लगभग दो दशक पहले नवंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ शुरु किया था। सचिन ने 168 टेस्टों में 56.08 के प्रभावशाली औसत से 13742 रन बनाए हैं जिनमें 48 शतक और 55 अर्धशतक शामिल हैं।
 
अपने विश्व रिकॉर्ड टेस्ट से पहले सचिन ने कहा था कि यह एक सपना था जिसे मैं पूरा करना चाहता था। मैं बहुत संतुष्ट हूं। मुझे यहां तक पहुंचने में 20 वर्ष से कुछ ज्यादा का समय लगा।

हालांकि सचिन ने दस अगस्त से श्रीलंका में होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ से विश्राम लेने को फैसला किया है जिसके कारण उन्हें वनडे में सर्वाधिक मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए अभी कुछ समय इंतज़ार करना पड़ेगा।
 
यदि सचिन इस सीरीज़ में खेल लेते तो वह श्रीलंका के सनत जयसूर्या के सर्वाधिक 444 वनडे खेलने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ देते। सचिन अभी 442 वनडे खेलकर दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 442 वनडे में 17598 रन बनाए हैं जिनमें 46 शतक शामिल हैं। मुंबई के इस 37 वर्षीय चैंपियन बल्लेबाज के नाम वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड भी शामिल है।
 
रनों का अंबार लगाने के बावजूद रनों के लिए सचिन की भूख अभी कम नहीं हुई है। सचिन ने श्रीलंका के खिलाफ सिंहलीज़ स्पोर्ट्स क्लब में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में शानदार 203 रन बनाकर अपना पांचवां दोहरा शतक बनाया था और सर्वाधिक पांच दोहरे शतक बनाने के राहुल द्रविड के भारतीय रिकॉर्ड की बराबरी की थी।
 
मास्टर ब्लास्टर ने अपने करियर में 150 से ज्यादा की यह 19वीं पारी खेलकर सर डान ब्रैडमैन के 18 बार यह कारनामा करने को पीछे छोड़ दिया था और वेस्टइंडीज़ के ब्रायन लारा के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी।

सचिन ने अपना पांचवां दोहरा शतक बनाने के बाद कहा था कि जब कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो तो उम्र उसके आड़े नहीं आती है और आलोचकों को भी उनकी उम्र के बारे में अब बात करना बंद कर देना चाहिए।
 
सचिन ने कहा कि उन्होंने यह साबित किया है कि आयु का प्रदर्शन के साथ कोई लेनादेना नहीं है। दूसरे टेस्ट में सबसे स्टायलिश खिलाडी का पुरस्कार पाने वाले सचिन ने कहा कि मेरा मानना है कि जब तक आप मानसिक रूप से मज़बूत हैं और मैदान में हर स्थिति से गुज़र सकते हैं तो आयु कहीं आड़े नहीं आती है।
 
उन्होंने कहा कि आलोचकों को अब मेरी उम्र के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। यदि मैं 37 वर्ष की उम्र में दोहरा शतक लगा सकता हूं तो फिर साफ है कि उम्र प्रदर्शन के रास्ते में कोई बाधा नहीं है।
 
मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि वह हमेशा अपना खेल खेलते हैं लेकिन लोग उनके रिकॉडों को देखते हैं उन्हें नहीं। सचिन ने कहा कि मैं कभी रिकॉडों के लिए नहीं खेलता। मैं हमेशा मैदान में अपना खेल खेलता हूं। लेकिन लोग मेरे रिकॉड को देखते हैं मुझे नहीं। मैं अपने देश के लिए ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहता हूं। मैं अभी भी खेल का मज़ा ले रहा हूं।
 
मास्टर ब्लास्टर ने अपने लगभग 21 वर्ष के करियर के दौरान सिर्फ 14 टेस्ट चूके थे। उन्होंने 2001 में श्रीलंका का दौरा नहीं किया था। भारत वह सीरीज़ 1-2 से हार गया था। उसके बाद से सचिन 2004-05 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के पहले दो टेस्ट, 2005-06 में ज़िम्बाब्वे में दो टेस्ट, 2006 में वेस्टइंडीज़ में चार टेस्ट तथा 2008-09 में पाकिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट नहीं खेल पाए थे।

सचिन का टेस्ट करियर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 11वां सबसे लंबा करियर है। लेकिन 1971 के बाद से टेस्ट करियर शुरु करने वाले खिलाड़ियों में यह सबसे लंबा करियर है।
 
सचिन ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि हम इतने टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने पर्याप्त टेस्ट क्रिकेट खेला है। मुझे याद है 90 के दशक के शुरु में मैं बहुत मुश्किल से एकाध टेस्ट खेल पाता था। वर्ष में कई बार तो हम दो या तीन टेस्ट ही खेल पाते थे। यह निराशाजनक था लेकिन अब यह स्थिति नहीं है।
 
अपने टेस्ट करियर को याद करते हुए सचिन ने कहा कि यह एक बहुत लंबा सफर है। मुझे अभी भी पहला टेस्ट याद है जिसमें मैं खेला था। टेस्ट करियर शुरु करने का अहसास किसी भी अन्य तरह की क्रिकेट से बिल्कुल अलग है। मुझे खुशी होने के साथ-साथ गर्व भी है कि मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतना लंबा सफर तय किया है।
 
मास्टर ब्लास्टर ने कुछ दार्शनिक अंदाज़ में कहा कि समय तो भागता जाता है। ज़रूरत तो इस बात की होती है कि आप उसका कैसे मज़ा लेते हैं। यह एक तरह का सर्कल है। आप हमेशा टॉप पर नहीं हो सकते। कई बार खराब दौर से भी गुज़रना पड़ता है।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन मैंने हमेशा एक आसान फार्मूले को अपनाया है जब भी मैं मुश्किल दौर से गुज़रा। इससे मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए वजह मिली और मैंने अपनी सारी ऊर्जा अपने खेल को बेहतर बनाने में लगाई।
 
सचिन ने साथ ही कहा कि मैच से पूर्व तैयारी हमेशा महत्वपूर्ण होती है। वास्तव में मुझे लगता है कि मैं हमेशा मैच से पहले तैयार रहता हूं। कई बार अच्छे परिणाम भी मिलते हैं और कई बार नहीं भी मिलते हैं लेकिन मेरी तैयारी हमेशा होती है।
 
मास्टर ब्लास्टर को सियालकोट का वह लम्हा याद है जब अपनी पहली सीरीज़ में उनकी नाक पर गेंद लगी थी और उनकी नाक से खून बह रहा था। लेकिन तब उस 16 वर्षीय लड़के ने कहा था कि मैं खेलुंगा। वह लड़का आज क्रिकेट का भगवान हो चुका है और अब भी खेल रहा है।

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