तेलंगाना उपचुनावों में टीआरएस ने जीतीं 12 में 11 सीटें
आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में हुए उप-चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उसके सभी 11 प्रत्याशी भारी मतों से चुनाव जीत गए हैं। अलग तेलंगाना राज्य की मांग को...
आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में हुए उप-चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उसके सभी 11 प्रत्याशी भारी मतों से चुनाव जीत गए हैं।
अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर प्रबल जनभावनाओं को भुनाते हुए टीआरएस ने वर्ष 2009 के चुनावों में जीती अपनी 10 सीटों को न सिर्फ बरकरार रखा बल्कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) से एक सीट छीन भी ली।
टीआरएस ने शहरी निजामाबाद सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ए. लक्ष्मीनारायण ने एक बार फिर कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी. श्रीनिवास को हरा दिया।
टीआरएस के उम्मीदवार 2009 के चुनाव में जहां कुछ सौ मतों से जीते थे वहीं उप-चुनाव में उन्होंने भारी मतों से अपनी सीटें बरकरार रखीं। ज्यादातर विधानसभा सीटों में जीत का अंतर 60,000 से 95,000 के बीच रहा।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनावों में किसी प्रत्याशी को 70 से 85 फीसदी मत मिलना अभूतपूर्व है। टीआरएस का प्रदर्शन 1971 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना प्रजा समिति (टीपीएस) की भारी विजय की याद दिलाता है।
इस मुद्दे पर टीपीएस ने तेलंगाना में 14 में से 10 सीटें हासिल की थीं। लेकिन टीपीएस को 50 से 65 फीसदी मत मिले थे।
इस बार टीआरएस ने जहां ऐतिहासिक विजय हासिल की वहीं कमजोर प्रदर्शन के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही। लेकिन तेदेपा के उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में नाकामयाब रहे।
टीआरएस नेता टी. हरीश राव ने सिद्दीपेट सीट पर 95,858 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 82 फीसदी मत प्राप्त हुए। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र 12,921 मत मिले। यहां कांग्रेस और तेदेपा दोनों की जमानत जब्त हो गई।
टीआरएस की दूसरी सबसे बड़ी विजय हुजूराबाद में हुई। यहां ई. राजेंद्रन ने 79,227 मतों से अपनी सीट बरकरार रखी। वहीं, मनचिरयाल विधानसभा सीट पर जीत का अंतर 78,047 मतों का रहा।
टीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव के पुत्र ताराकर्म राव पिछले चुनाव में सिरकिल्ला सीट पर मात्र 171 मतों से विजयी हुए थे। इस बार उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 67,997 मतों से हराया।
टीआरएस ने कोरुतला सीट भी 56,525 मतों के भारी अंतर से अपने पास बरकरार रखी।
अलग तेलंगाना राज्य की मांग के मुद्दे पर इस साल की शुरुआत में टीआरएस के 10 और भाजपा व तेदेपा के एक-एक विधायक के इस्तीफा देने की वजह से यहां उपचुनाव कराए गए थे।