फोटो गैलरी

Hindi Newsखेल महासंघों के कामकाज से नाराज़ है सरकार

खेल महासंघों के कामकाज से नाराज़ है सरकार

राष्ट्रमंडल खेलों से पहले कुछ कोचों पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच सरकार ने मंगलवार को अपनी सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज से जरा भी संतुष्ट नहीं...

खेल महासंघों के कामकाज से नाराज़ है सरकार
एजेंसीTue, 27 Jul 2010 03:17 PM
ऐप पर पढ़ें

राष्ट्रमंडल खेलों से पहले कुछ कोचों पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच सरकार ने मंगलवार को अपनी सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज से जरा भी संतुष्ट नहीं है।

केन्द्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि किसी ने भी सरकार द्वारा तय दिशानिर्देशों के तहत अच्छे प्रशासन का पूर्ण अनुपालन नहीं किया।
गिल ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार की ओर से हाल हमें कराए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि अधिकांश खेल महासंघों के उचित चुनावी नियम नहीं हैं, जिनसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सकें।

उन्होंने कहा कि अधिकांश महासंघों के प्रबंधन में खिलाडियों के प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। गिल ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन संघ और भारतीय तैराकी महासंघ ने जून 2010 में चुनाव कराए, जो आयु और कार्यकाल के संबंध में सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी दिशानिर्देशों का सही ढंग से पालन सुनिश्चित करने के लिए खेल महासंघों की वार्षिक मान्यता की प्रणाली कैलेण्डर वर्ष 2010 से शुरू किया गया और इस प्रणाली के तहत उन्हीं फेडरेशनों को वार्षिक मान्यता मिलती है, जो सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करती हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें