इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद नौकरी को दें प्राथमिकता
मैं डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष का छात्र हूं। मैं यह जानना चाहता हूं कि इसके बाद मैं क्या करूं। इसे पूरा करने के बाद क्या डय़ूअल डिग्री प्रोग्राम बेहतर रहेगा? विवेक राज जैसा कि आप डिप्लोमा...
मैं डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष का छात्र हूं। मैं यह जानना चाहता हूं कि इसके बाद मैं क्या करूं। इसे पूरा करने के बाद क्या डय़ूअल डिग्री प्रोग्राम बेहतर रहेगा?
विवेक राज
जैसा कि आप डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं, ऐसे में किसी डय़ूअल डिग्री कोर्स बीटेक+एमटेक में पांच साल खर्च करना सही निर्णय नहीं कहा जा सकता। आप इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ ही किसी भी उद्योग में काम कर सकते हैं। ज्यादातर कंपनियां टेक्निकल सुपरवाइजर के तौर पर डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को रखती हैं। अगर आप अपने करियर में आगे जाना चाहते हैं तो यह दो तरह से संभव है- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद आप किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में लेटरल एंट्री के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं। संत लोंगोवाल इंस्टीटय़ूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब और आईपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली बीई/बीटेक डिग्री के दूसरे साल में लेटरल एंट्री इंजीनियरिंग टैस्ट के माध्यम से देते हैं। परंतु यह सुविधा केवल उन्हीं के लिए है, जो फुल टाइम पढ़ाई करना चाहते हैं। अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो संबंधित परीक्षा पास करने के बाद बीई/टेक डिग्री में प्रवेश के लिए इंस्टीटय़ूशन ऑफ इंजीनियर्स इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग की एसोसिएट मैम्बरशिप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
मैं 24 साल का हूं। मैंने 2009 में पीसीएम से बीएससी 51 प्रतिशत अंकों के साथ की है। इसके बाद मैंने एमबीए की तैयारी की और कैट, जैट, स्नैप, एमएच-सेट आदि कई परीक्षाएं दीं, पर मैं किसी प्रतिष्ठित बी स्कूल में एडमिशन नहीं पा सका। अब मैं दुविधा में हूं कि नौकरी करूं या फिर से तैयारी करूं या किसी भी बी-स्कूल में प्रवेश ले लूं?
सेराज अहमद, वाराणसी
ऐसा लगता है कि आप एमबीए परीक्षा के लिए दो या तीन बार कोशिश कर चुके हैं। और साल बरबाद करने की हम आपको सलाह नहीं देंगे। यह समय आगे बढ़ने का है और नौकरी के माध्यम से या आगे पढ़ाई के माध्यम से कुछ अनुभव प्राप्त करें। अगर आप वर्तमान सत्र में किसी यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले सकते हैं तो ले लें, अन्यथा कोई नौकरी कर लें। अगर नौकरी शुरू करते हैं तो आप इसमें आगे तक जा सकते हैं। कुछ साल के अनुभव के बाद एग्जीक्यूटिव एमबीए कर सकते हैं। एग्जीक्यूटिव एमबीए, जिसे ईएमबीए भी कहा जाता है, इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह बिजनेस प्रोफेशनल्स, मैनेजर और एग्जीक्यूटिव, दोनों का करियर विकास की ओर ले जाता है। सामान्यता ईएमबीए उन प्रोफेशनल के करियर को आगे ले जाता है, जो अपनी सामान्य मैनेजमेंट स्किल्स को अपडेट करना चाहते हैं और करियर में आने वाले अवसरों का भुनाना चाहते हैं।
मैं बीकॉम अंतिम वर्ष का छात्र हूं और सीएस और आईसीडब्ल्यूएआई के बारे में जानना चाहता हूं। कृपया मुझे इनके बीच अंतर के बारे में
भी बताएं।
पुरू शर्मा, गाजियाबाद
आईसीडब्ल्यूए या कॉस्ट एकाउंटेंसी कोर्स इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीडब्ल्यूएआई) अकाउंटेंसी और फाइनेंस में उच्च स्तरीय करियर निर्माण के लिए ऑफर करता है। कॉस्ट अकाउंटेंट किसी संस्थान के सभी विभागों की फाइनेंशियल जानकारियां को एकत्र, नियोजित और एनालिसिस करता है और बिजनेस के फैसले लेने में सहायता करता है। एक बार जब आप यह कोर्स कर लेते हैं तो आप सरकारी क्षेत्रों, बैंकों और फाइनेंस क्षेत्रों, डेवलपमेंट एजेंसियों, शिक्षा, ट्रेनिंग एवं रिसर्च क्षेत्रों जैसे सर्विस सेक्टर के फाइनेंशियल विभागों में मैनेजेरियल पदों पर काम कर सकते हैं। कंपनी सेक्रेटरी की भूमिका कॉरपोरेट दुनिया में है। वह किसी संस्थान में बिजनेस और उसके कानूनी पहलुओं के जानकार व सलाहकार के रूप में काम करता है। कंपनी मैनेजमेंट का वह काफी महत्त्वपूर्ण सदस्य होता है। हर कंपनी, को-ऑपरेटिव सोसाइटी, ट्रस्ट या एसोसिएशन एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करते हैं, जिसकी क्वालिफिकेशन कंपनी सेक्रेटरी की हो और जो उसके एडमिनिस्ट्रेटिव मामलों को संभाल सके। विदेशी और प्राइवेट बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंकों के मर्चेट बैंकिंग विभाग और फाइनेंशियल इंस्टीटय़ूटशन भी क्वालिफाइड कंपनी सेक्रेटरीज, खासकर उनको जिनकी फाइनेंस, लॉ और अकाउंट में विशेषज्ञता हो, अपने यहां रखते हैं। वह विभिन्न कंपनियों को कंसलटेंसी देने का काम भी कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए www.icsi.edu पर लॉगइन कर सकते हैं।
मैं बीए दूसरे साल का एससी श्रेणी का छात्र हूं। मैं आईएएस बनना चाहता हूं। मेरी पारिवारिक आय बहुत ही कम है। मैं यूपीएससी द्वारा एससी छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानना चाहता हूं।
अटल प्रकाश गांधी, यूपी
इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन-जाति के उम्मीदवारों से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी घोषणाओं के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग 2010 ऊपरी आयु सीमा में केंद्रीय/केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों के लिए पांच साल तक की छूट देता है (संघ लोक सेवा आयोग उनके लिए आरक्षित पदों में एससी/एसटी के उम्मीदवारों के लिए 10 साल तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 8 साल की छूट देता है।) आयोग की परीक्षाओं में बैठने के लिए एससी/एसटी छात्रों के लिए प्रयासों की संख्या पर कोई रोक नहीं है।
मैंने ग्रेजुएशन पूरी कर ली है और अब मैं समाज सेवा की ओर जाना चाहता हूं। मैं एमएसडब्ल्यू में प्रवेश लेना चाहता हूं। क्या मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता हूं। इस सेक्टर में मेरे लिए जॉब की क्या संभावनाएं हैं?
अरविंद सिंह, गाजीपुर, यूपी
समाज सेवा में लोगों की सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक समस्याओं से जूझना होता है। समाज सेवक लोगों की इन समस्याओं को काउंसिलिंग, बातचीत करा कर, साधन उपलब्ध करवा कर, जागरूकता फैला कर और सामाजिक कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करके करता है। आप ग्रेजुएशन के बाद एमएसडब्ल्यू में आवेदन कर सकते हैं। अगर आपके पास समाज सेवा का कुछ अनुभव है तो यह और भी बेहतर होगा। आवेदन पत्र अप्रैल माह में उपलब्ध होते हैं। एडमिशन प्रवेश परीक्षा और फिर ग्रुप डिस्कशन व साक्षात्कार के माध्यम से होता है।