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श्रीलंका में मिथक तोड़ने के लिए उतरेगा भारत

भारत अपने कमजोर आक्रमण और कुछ चोटी के बल्लेबाजों की लचर फार्म के बावजूद रविवार से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में श्रीलंका में 17 साल बाद सीरीज जीतने के लिए मैदान पर उतरेगा। भारत ने...

श्रीलंका में मिथक तोड़ने के लिए उतरेगा भारत
एजेंसीSat, 17 Jul 2010 05:15 PM
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भारत अपने कमजोर आक्रमण और कुछ चोटी के बल्लेबाजों की लचर फार्म के बावजूद रविवार से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में श्रीलंका में 17 साल बाद सीरीज जीतने के लिए मैदान पर उतरेगा।

भारत ने श्रीलंका में आखिरी बार 1993 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई में 1-0 से सीरीज जीती थी। इसके बाद उसका इस देश में रिकार्ड प्रभावहीन रहा है, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की टीम इस बार अपना भाग्य बदलने के लिए तैयार है। श्रीलंका भी हालांकि मुथैया मुरलीधरन को शाही विदाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा जो पहले मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।

तेज गेंदबाजी के अगुआ जहीर खान और एस श्रीसंत की अनुपस्थिति में भारतीय तेज गेंदबाजी की धार कुंद हो गई है जिसका सबूत श्रीलंका बोर्ड अध्यक्ष एकादश के खिलाफ अभ्यास मैच के दौरान देखने को मिला। भारत की आस हालांकि उसके स्टार बल्लेबाजों पर टिकी रहेगी जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में आंका जाता है। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग जैसे चोटी के बल्लेबाजों की मौजूदगी वाली भारतीय टीम मुरलीधरन की विदाई पार्टी में खलल डालने के लिए तैयार है।

श्रीलंका के इस स्टार स्पिनर को 800 विकेट के लिए आठ विकेट की दरकार है। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साफ किया है कि वह मुरलीधरन को इस जादुई आंकड़े तक पहुंचने से रोकने के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास करेंगे। धोनी ने कहा कि मुरली को शुभकामनाएं, लेकिन हम यहां जीतने के लिए आए हैं। हम सभी जानते हैं कि मुरली महान गेंदबाज है और उनकी उपलब्धियां इसकी गवाह हैं। सबसे अहम बात यह है कि वह बहुत अच्छा इंसान है और मैंने उनके साथ दोस्ती का पूरा लुत्फ उठाया।
 
भारतीय कप्तान ने कहा कि लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट है और हम आसानी से अपने विकेट नहीं गंवाएंगे। हमारे बल्लेबाज उन्हें पहले टेस्ट मैच के दौरान 800 विकेट तक पहुंचने का मौका नहीं देना चाहेंगे। भारत हालांकि अपनी गेंदबाजी को लेकर चिंतित होगा। भारतीय गेंदबाजों को एकमात्र अभ्यास मैच में संघर्ष करना पड़ा जबकि बल्लेबाज भी अजंता मेंडिस की स्पिन के सामने प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। युवराज सिंह और गौतम गंभीर ने हालांकि अच्छा प्रदर्शन करके भारतीयों की आस जगाई है। द्रविड़ ने काफी समय से टेस्ट मैच नहीं खेला है लेकिन उन्हें फार्म में लौटने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि पिछले दौरे में उसकी हालत खराब करने वाले अजंता मेंडिस श्रीलंका की अंतिम एकादश में नहीं होंगे। मेंडिस ने अभ्यास मैच में भारतीयों को काफी परेशान किया था। मुरलीधरन को स्पिन विभाग में सूरज रणदीव और रंगना हेराथ से मदद मिलेगी। इसके अलावा कुमार संगकारा के पास तिलकरत्ने दिलशान के रूप में भी अच्छा विकल्प मौजूद है। तेज गेंदबाज लेसिथ मालिंगा की भी टीम में वापसी हुई है तथा उनका अजीबोगरीब एक्शन भारतीयों के लिए सरदर्द बना रहेगा।

भारत की सबसे बड़ी चिंता हालांकि उसका कमजोर आक्रमण है तथा श्रीलंका के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को उसे खेलने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए जूझ रहे इशांत शर्मा अचानक ही जहीर और श्रीसंत की अनुपस्थिति में गेंदबाजी के अगुआ बन गए हैं।

इशांत के साथ मुनाफ पटेल या अभिमन्यु मिथुन को नई गेंद का जिम्मा संभालना पड़ सकता है। हरभजन सिंह टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं लेकिन वह बुखार के कारण अभ्यास मैच में नहीं खेल पाए। हरभजन स्पिन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे लेकिन उनका साथ देने के लिए प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा में से किसे अंतिम एकादश में जगह मिलेगी यह अभी टीम प्रबंधन ने तय नहीं किया है। ओझा ने अभ्यास मैच की दोनों पारियों में प्रभावित किया था तो मिश्रा भी उनसे पीछे नहीं रहे थे। मिश्रा लेग स्पिनर हैं और उनके पिछले अनुभव को देखते हुए टीम प्रबंधन उन्हें ओझा पर तरजीह दे सकता है।

यह सिर्फ भारतीय गेंदबाजों के लिए ही अग्निपरीक्षा नहीं होगी बल्कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी इन विषम परिस्थितियों में अपनी नेतृत्व क्षमता की मिसाल पेश करनी होगी।

श्रीलंका ने अपनी सरजमीं पर पिछली नौ में से आठ में जीत दर्ज की है तथा संगकारा, दिलशान, महेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा और तिलन कदाम्बी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी में भारतीयों के लिए उनसे पार पाना आसान नहीं होगा।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
भारतः महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, सुरेश रैना, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, मुरली विजय, वृद्धिमान साहा, इशांत शर्मा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह, अमित मिश्रा, प्रज्ञान ओझा और अभिमन्यु मिथुन।
श्रींलकाः कुमार संगकारा (कप्तान), मुथैया मुरलीधरन, तिलकरत्ने दिलशान, तरांगा परानविताना, महेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एंजेलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, लेसिथ मालिंगा, रंगना हेराथ, दिलहारा फर्नांडो, धम्मिका प्रसाद, सूरज रणदीव, तिलिना कदाम्बी, चनाका वेलेगेदारा और लाहिरू तिरिमाने।

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