फोटो गैलरी

Hindi Newsक्षमा याचिका पर छह दिन में भी हुआ था फैसला

क्षमा याचिका पर छह दिन में भी हुआ था फैसला

जहां मौत की सजा सुन चुके कैदियों की क्षमा याचिकाओं पर फैसले में वर्षों लग जाते हैं वहां 1996 में ऐसा भी हुआ है कि तत्कालीन राष्ट्रपति ने क्षमा याचिका को महज छह दिन में खारिज कर दिया जो ऐसी याचिका के...

क्षमा याचिका पर छह दिन में भी हुआ था फैसला
एजेंसीThu, 15 Jul 2010 06:53 PM
ऐप पर पढ़ें

जहां मौत की सजा सुन चुके कैदियों की क्षमा याचिकाओं पर फैसले में वर्षों लग जाते हैं वहां 1996 में ऐसा भी हुआ है कि तत्कालीन राष्ट्रपति ने क्षमा याचिका को महज छह दिन में खारिज कर दिया जो ऐसी याचिका के निस्तारण के लिए सबसे कम अवधि है।

दरअसल, यह राजस्थान के रवजी नामक एक व्यक्ति से जुड़ा मामला है जिसने अपनी गर्भवती पत्नी और तीन नाबालिग बच्चों की हत्या कर दी थी। गृह मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई आवदेन के जवाब में कहा गया है कि तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने छह दिन में रवजी की क्षमा याचिका पर निर्णय ले लिया था।

आरटीआई आवेदन पर दिए गए जवाब में कहा गया है, उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार मत्युदंड की सजा सुन चुके अभियुक्त राजस्थान के रवजी उर्फ रामचंद्र की क्षमा याचिका राष्ट्रपति सचिवालय को 13 मई, 1996 को भेजी गई थी और इस पर 19 मार्च, 1996 को निर्णय ले लिया गया।

मंत्रालय का यह भी कहना है कि क्षमा याचिकाओं पर निर्णय लेने में क्रमबद्धता का ख्याल रखा जाता है। फिलहाल 24 क्षमा याचिकाएं विभिन्न चरणों में लंबित है। इन याचिकाओं में संसद पर हमला मामले के अभियुक्त अफजल गुरू का मामला भी है जिसपर राजनीतिक बवाल हो चुका है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें