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बड़े काम का है सिलोसिया

सिलोसिया का लाल सुर्ख मखमली फूल देखने में बहुत सुन्दर लगता है। यह आपकी बगिया को तो आकर्षक बनाता ही है, पर इसके पत्ते व बीज भी भोजन में इस्तेमाल होते है। इसके फूल आपके फूलदान में लगाए जा सकते हैं।...

बड़े काम का है सिलोसिया
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 13 Jul 2010 01:50 PM
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सिलोसिया का लाल सुर्ख मखमली फूल देखने में बहुत सुन्दर लगता है। यह आपकी बगिया को तो आकर्षक बनाता ही है, पर इसके पत्ते व बीज भी भोजन में इस्तेमाल होते है। इसके फूल आपके फूलदान में लगाए जा सकते हैं। कैसे करें इसकी हिफाजत, बता रही हैं प्रतिभा आर्य

लाल सुर्ख मखमली फूल सिलोसिया क्रिस्टाटा देखने में एकदम मखमली मुर्गे की लाल सुर्ख कलगी जैसा अत्यंत आकर्षक लगता है। हरे पौधे के ऊपर यह मखमली फूल दूर से मोह लेता है। संकरण के इस युग में इसकी बौनी किस्म भी आ गई है। मजेदार बात तो यह है कि सिलोसिया जिस अमेरेन्थसियाई प्रजाति का पौधा है, वह भोजन का ही एक अंग है। अमेरिका के मूल निवासी अजटेक इसके बीज को जोकि अत्यंत नन्हें होते हैं, भोज्य पदार्थ के रूप में प्रयोग करते थे। इसे ‘इन्का गेहूं’ कहा जाता है।

भारत में भी इसके पत्तों का प्रयोग साग के रूप में होता है, जिसे चौलाई कहते हैं और इन बीजों को यहां रामदाना, राजगीर व सील के अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। इस बीज का प्रयोग व्रत में किया जाता है। यह अत्यंत शक्तिदायक होता है व खाने में खूब पसंद किया जाता है। उद्यान का आकर्षक सिलोसिया वास्तव में भोजन की थाली का आनंद भी है।

सिलोसिया क्रिस्टाटा को ‘कॉक्सकॉम्ब’ भी कहते हैं। इसमें फूलों की एक किस्म पंखनुमा होती है, जिसे ‘सिलोसिया अर्जेन्टिया पिरामिडलिस’ कहते हैं। गुंथी हुई मैरूल लम्बी चुटिया के समान अत्यंत आकर्षक फूलों वाली एक किस्म भी है, जिसे ‘अमेरेन्थस कॉडाटस’ कहते हैं। सिलोसिया कॉक्सकॉम्ब के अतिरिक्त यह फूल भी अत्यंत आकर्षक लगते हैं। गमले में लगाने हों या मिले-जुले रंग वाले रंग-बिरंगे फूलों की क्यारी, सिलोसिया की ये सभी किस्में अत्यंत मनोहारी लगती हैं। इसमें लाल के अतिरिक्त गुलाबी, जामुनी, पीले, सफेद फूल खिलते हैं।

सिलोसिया का बीज अत्यंत नन्हा होता है। फरवरी के अंत व मार्च के प्रारम्भ में इस बीज को बो दिया जाता है। पौध तैयार हो जाने पर उन्हें अलग-अलग करके गमलों अथवा क्यारी में बो दिया जाता है। इसका पौधा एकदम सीधा जाता है। पत्ते हरे परन्तु नसें लालिमा लिए होती हैं।

पौधे को खुली धूप पसंद है व पोषक तत्वों से युक्त मिट्टी, परन्तु क्यारी में पानी खड़ा नहीं रहना चाहिए। फूल खिल जाने पर बहुत दिनों तक पौधों पर टिका रहता है। फफूंद का प्रकोप होने पर पौधा एकदम गल जाता है। फफूंद रोग होने पर पौधे को अलग करके जला दें।

पौधे को यूं तो सहारे की आवश्यकता नहीं होती, परन्तु सिलोसिया अर्जेन्टिया का पौधा झाड़ीदार होता है। यदि एक खपच्ची
का सहारा दे दिया जाए तो पौधा सीधा खड़ा रहता है। इसके फूल काट कर फूलदान में लगाए जा सकते हैं और काफी दिन तक टिके रहते हैं।

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