हथियारविहीन पुलिस से बना मुंबई हमला और संगीनः एफबीआई
शीर्ष अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने कहा है कि मुंबई पर आतंकवादी हमला बेहद सामान्य और बहुत कम खर्च वाला अत्यंत समन्वित था और शुरुआती हमले के खिलाफ मुंबई पुलिस की रक्षा में सबसे संगीन कमी यह थी कि उसके...
शीर्ष अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने कहा है कि मुंबई पर आतंकवादी हमला बेहद सामान्य और बहुत कम खर्च वाला अत्यंत समन्वित था और शुरुआती हमले के खिलाफ मुंबई पुलिस की रक्षा में सबसे संगीन कमी यह थी कि उसके अधिकारी हथियार तक साथ ले कर नहीं चलते।
एफबीआई ने यह भी इंगित किया कि भारतीय बलों के पास हमलावरों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के बीच वार्तालाप सुनने के लिए आधुनिक गजट और प्रणालियां नहीं हैं।
अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि मुंबई पुलिस के पास हथियारों की कमी के चलते पांच सितारा होटलों, रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केन्द्र पर बीसियों लोगों की जानें गईं और जब आधुनिक हथियारों से लैस विशेष बल पहुंचे तभी एक आतंकवादी छोड़ कर बाकी सभी का सफाया किया जा सका।
एफबीआई के सार्जेंट एलन माट्स ने कहा कि मुंबई पर शुरुआती हमले के दौरान इनमें आधे लोग हथियारबंद नहीं थे। सार्जेंट माट्स ने कहा, यह आधी जंग थी।
एफबीआई की सुपरवाइजरी के विशेष एजेंट एंथनी टिंडल ने एजेंसी के संयुक्त आतंकवाद कार्यबल और इस सप्ताह सनराइज निगम केन्द्र में एकत्रित हुए अन्य लोगों को बताया कि हम भारतीयों की तुलना में बंदूकों और गोलियों को कहीं जल्दी ले आएंगे।
अमेरिकी प्रशांत कमान के लिए एफबीआई के संपर्क के तौर पर हवाई में तैनात टिंडल ने कहा कि भारत ने 26-28 नवंबर के हमलों के दौरान एफबीआई की मदद मांगी थी और ब्यूरो ने लॉस एंजिलिस से आठ एजेंटों तथा क्वांतिको, वर्जीनिया से तकनीशियनों को तैनात किया था।
उन्होंने कहा कि एफबीआई ने भारतीय जांचकर्ताओं का विश्वास तत्काल ही हासिल कर लिया था क्योंकि उसके एजेंटों और तकनीशियनों ने आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए जीपीएस, सेल फोन, सेटेलाइट फोन, इंटरनेट आंकड़ों, वित्तीय रिकार्ड, नौकाओं और प्रत्यक्षदर्शियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई थी।
इन हमलों में मारे गए लोगों की टेलीविजन फुटेज दिखाते हुए टिंडल ने कहा कि इस अभियान से एक बात हमने यह सीखी कि हमें उन्हें कुछ ऐसी चीजें मुहैया करानी पड़ी जो वे स्वयं नहीं कर सकते थे।