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खेलों में पुरुषों का वर्चस्व खत्म करें महिलाएं: सायना

भारत की बैडमिंटन स्टार और विश्व की तीसरे नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने महिला खिलाड़ियों का आह्वान करते हुए कहा है कि वे खेलों में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ने के लिए जी तोड़ मेहनत करें और...

खेलों में पुरुषों का वर्चस्व खत्म करें महिलाएं: सायना
एजेंसीThu, 08 Jul 2010 07:01 PM
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भारत की बैडमिंटन स्टार और विश्व की तीसरे नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने महिला खिलाड़ियों का आह्वान करते हुए कहा है कि वे खेलों में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ने के लिए जी तोड़ मेहनत करें और हर त्याग करने को तैयार रहें।

20 वर्षीय सायना ने कहा कि खेलों के शिखर पर पहुंचने के लिए भारतीय महिलाओं को कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में आज भी महिलाओं के लिए खेलों में अपनी जगह बना पाना वाकई मुश्किल है क्योंकि उनके रास्ते में कई तरह की रुकावटें होती हैं और उन्हें आगे आने के मौके बेहद कम मिलते हैं।

लगातार दूसरी बार इंडोनेशियन ओपन सुपर सीरीज खिताब जीतने वाली सायना ने लंदन से प्रकाशित समाचार पत्र टेलीग्राफ से कहा कि चीन, कोरिया और जापान से तुलना की जाए तो वहां महिला खिलाड़ियों की संख्या कहीं ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनसे मुकाबला करने के लिए भारतीय एथलीटों को शारीरिक और मानसिक रूप से और मजबूत होना होगा।

सायना ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कड़ी टक्कर देने के लिए खिलाड़ियों को न केवल इच्छाशक्ति मजबूत करनी होगी बल्कि अपनी फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा। अगर कोई वास्तव में अपने खेल को लेकर गंभीर है तो उसे बाहर का खाना पूरी तरह बंद करके पौष्टिक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

सायना ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के त्याग और अपनी लगन तथा मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि कई बार तो ट्रेनिंग से लौटते समय मैं पापा के स्कूटर के पीछे ही सो जाती थी। मेरे बैडमिंटन रैकेट भी खो जाते थे जिनमें से कुछ की कीमत तो दस हजार रूपये तक थी। एक बार तो पापा रैकेट खोने की शिकायत करने पुलिस के पास भी पहुंच गए थे।

सायना ने कहा कि उनका लक्ष्य इस वर्ष के अंत तक अधिक से अधिक खिताबी जीत दर्ज करना है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जीत का सिलसिला विश्व चैंपियनशिप, दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और चीन में होने वाले एशियाई खेलों में भी जारी रखना चाहती हूं।

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