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मुथैया के आरोप निराधार : बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आफ इंडिया (बीसीसीआई) ने मद्रास उच्च न्यायालय मे दायर हलफनामे में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए सी मुथैया के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि नियमों में बदलाव मैच...

 मुथैया के आरोप निराधार : बीसीसीआई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आफ इंडिया (बीसीसीआई) ने मद्रास उच्च न्यायालय मे दायर हलफनामे में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए सी मुथैया के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि नियमों में बदलाव मैच फिक्िसंग रोक ने के लिए किया गया था। मुथैया ने अपनी याचिका अपील में बीसीसीआई सचिव और तमिलनाडु क्रिकेट संघ .टीएनसीए. के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के कामकाज पर स्थाई रोक लगाने की मांग करते हुए कहा था कि नियम संख्या 6.2.4 में बदलाव को इंडियन प्रीमियर लीग.आईपीएल.चैम्पियंस टवेंट्ी.20 लीग में लागू न किया जाए। नियम के मुताबिक बोर्ड का कोई भी पदाधिकारी उसके द्धारा संचालित किसी आयोजन या मैच मंे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से आर्थिक रूप से लाभान्वित नहीं हो सकता। मुथैया ने कहा था कि श्रीनिवासन ने इस नियम का उल्लघंन किया है।उन्होंने बोर्ड कोषाध्यक्ष और टीएनसीए अध्यक्ष रहते हुए इंडिया सीमेंट को आईपीएल में बोली लगाने की अनुमति दी जबकि वह इस कंपनी के प्रबंध निदेशक थे। लेकिन मुथैया के दावे का प्रतिवाद करते हुए बीसीसीआई के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर एस शेट्टी ने अदालत से कहा कि आईपीएल में चेन्नई के प्रतिनिधित्व के लिए जिन कंपनियो ंने बोली लगाई थी उनमें इंडिया सीमेंट की बोली सबसे यादा थी। इसके अलावा इस कंपनी ने बोर्ड को बताया भी था कि उसका प्रबंध निदेशक एक क्रिकेट प्रशासक भी है।पर बोर्ड ने सकारात्मक रूख रखते हुए उस समय इंडिया सीमेंट को क्लीन चिट दे दी थी। शेट्टी ने कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष का यह आरोप गलत हैं कि श्रीनिवासन को इस टूर्नामेंट से आर्थिक लाभ पहुंचा है।

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