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तैयार रहें, हो सकता खाद संकट

सूबे के किसान तैयार रहें। उन्हें खाद की भयानक किल्लत झेलनी पड़ सकती है। कंपनियां बिहार में खाद मंगाने से भाग रहीं हैं। स्थिति यह है कि पिछले महीने प्रदेश में 45 हाार टन कम यूरिया खाद आई। नतीजा यह...

 तैयार रहें, हो सकता खाद संकट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सूबे के किसान तैयार रहें। उन्हें खाद की भयानक किल्लत झेलनी पड़ सकती है। कंपनियां बिहार में खाद मंगाने से भाग रहीं हैं। स्थिति यह है कि पिछले महीने प्रदेश में 45 हाार टन कम यूरिया खाद आई। नतीजा यह निकला कि फरवरी माह में आवंटन ही कम कर दिया गया। यह सब हुआ कृषि अधिकारियों की हड़ताल के कारण। अब भी राज्य के विभिन रैक प्वायंटों पर 50 हाार मेट्रिक टन से अधिक खाद पड़ी है। लेकिन हड़ताली अधिकारी वेरिफिकेशन को तैयार नहीं हैं।ड्ढr ड्ढr इस तरह हड़ताल का असर अब खेतों पर भी पड़ने लगा है। हलांकि रलवे को जुर्माना भरने के डर से कंपनियों ने खाद अपने गोदाम में रख लिया है। लेकिन वेरिफिकेशन के बिना खाद बेचने पर केन्द्र सरकार से उन्हें अनुदान नहीं मिलेगा। यही कारण है कि कंपनियों ने बिहार में खाद बेचने में रुचि लेना बंद कर दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जनवरी में दो लाख 35 हाार टन यूरिया की सूबे में आवश्यकता थी। लेकिन 17 जनवरी से कृषि अधिकारियों के हड़ताल पर चले जाने से सूबे में 45 हाार टन कम यूरिया खाद आई। फरवरी में तो कोटा ही घटाकर एक लाख 1हाार टन कर दिया गया। मोतिहारी में दो रैक खाद एक सप्ताह तक पड़ी रही। अधिकारियों ने वेरिफिकेशन नहीं किया तो कंपनी ने अपने गोदाम रख लिया। लेकिन बिना वेरिफिकेशन के बाजार में जाने पर उन्हें अनुदान से वंचित होना पड़ेगा। इसी तरह पूर्णिया, बेगूसराय, बेतिया और सहरसा में भी रैक प्वायंट पर खाद पड़ी रही।

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