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विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल हैं साइना के निशाने पर

अंतरराष्ट्रीय खिताबों की हैट्रिक बनाने वाले साइना नेहवाल को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने की बेताबी नहीं है और अभी वह विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रही...

विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल हैं साइना के निशाने पर
एजेंसीWed, 30 Jun 2010 05:33 PM
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अंतरराष्ट्रीय खिताबों की हैट्रिक बनाने वाले साइना नेहवाल को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने की बेताबी नहीं है और अभी वह विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रही है।

साइना ने कहा कि इस साल विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल भी होने हैं, इसलिए मैं इस पर काम कर रही हूं। मैंने नंबर तीन पर पहुंचने के बारे में नहीं सोचा था लेकिन मैं यहां तक पहुंच गई हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं नंबर एक पर भी पहुंच सकती हूं, लेकिन इससे अधिक महत्वपूर्ण मेरे लिए विश्व चैंपियनशिप और दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना है।
 
हाल में जकार्ता में इंडोनेशियाई ओपन सुपर सीरीज जीतकर खिताबों की हैट्रिक बनाने वाली साइना ने साफ किया कि उन्होंने अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैंने नंबर तीन पर पहुंचना अपना लक्ष्य नहीं बनाया था। मैंने सोचा था कि इस साल के आखिर तक मैं नंबर चार या पांच पर पहुंच सकती हूं लेकिन मैं इतनी तेजी से नंबर तीन पर पहुंच गई, इसलिए मैं नंबर एक भी बन सकती हूं और नीचे भी खिसक सकती हूं क्योंकि मैं बहुत अधिक टूर्नामेंट में नहीं खेल रही हूं।

इस बीस वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि आगे भी सुधार की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी संपूर्ण नहीं होता। आपको लगातार सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। मुझे अपने डिफेंस, नेट पर खेल, बैकहैंड और फोरहैंड में सुधार करना है। मुझे उन क्षेत्रों पर काम करना चाहिए जिन पर मैं कमजोर हूं।

साइना ने कहा कि कोच कुछ खास करते हैं। वे सुधार की कोशिश करते हैं और मुझसे कुछ नया सीखने के लिए कहते हैं। अभी मैं यह नहीं सोच रही हूं कि क्या करना है। मेरी योजना अगले सप्ताह से अभ्यास शुरू करना है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे मुझे मेरे डिफेन्स में सुधार के लिए कहें जो मेरा कमजोर पक्ष है। मैं अच्छी आक्रामक खिलाड़ी हूं। जकार्ता में जीत से पहले साइना ने घरेलू सरजमीं पर इंडिया ओपन ग्रां प्री और सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता था।

साइना ने कहा कि वह विदेशी कोच रखने पर विश्वास नहीं करती। उन्होंने कहा कि मैं इसमें विश्वास नहीं करती। आपको खुद पर भरोसा होना चाहिए। साइना ने कहा कि उन्होंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया और अपने दमखम के दम पर ही वह लगातार तीन टूर्नामेंट जीतने में सफल रही। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह जरूरी था कि मैं अपने स्टेमिना में सुधार करूं क्योंकि 15 दिन काफी होता है और आपको प्रत्येक दिन एक मैच खेलना होता है। स्टेमिना और स्ट्रोक में सुधार सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशियाई ओपन खास है क्योंकि तब तक मैं थक चुकी थी। यह इसलिए विशेष है क्योंकि मैंने दूसरी बार इसे जीता है।

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