फोटो गैलरी

Hindi Newsजाति आधारित जनगणना पर विचार के लिए जीओएम की बैठक

जाति आधारित जनगणना पर विचार के लिए जीओएम की बैठक

कुछ राजनीतिक पार्टियों की मांग के अनुरूप इस बार जनगणना में जातियों का भी ब्यौरा इकट्ठा किए जाने के मुद्दे पर विचार के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की गुरुवार को बैठक होगी। मंत्रिमण्डल की दो बैठकों...

जाति आधारित जनगणना पर विचार के लिए जीओएम की बैठक
एजेंसीWed, 30 Jun 2010 02:53 PM
ऐप पर पढ़ें

कुछ राजनीतिक पार्टियों की मांग के अनुरूप इस बार जनगणना में जातियों का भी ब्यौरा इकट्ठा किए जाने के मुद्दे पर विचार के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की गुरुवार को बैठक होगी। मंत्रिमण्डल की दो बैठकों में इस विवादास्पद मुद्दे पर आमराय नहीं बनने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस मामले पर विचार-विमर्श के लिये जीओएम गठित करने का फैसला किया था।

समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं।
ऐसा लगता है कि आंतरिक मतभेदों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कड़े रुख के बाद भाजपा ने जाति आधारित जनगणना के प्रति समर्थन भरा रुख अब बदल दिया है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में इस मुद्दे पर खासी बहस हुई थी और सदन में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे समेत भाजपा के कई नेताओं ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के तकाजे में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग का समर्थन किया था।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अगुवाई वाले जीओएम को इस मामले पर जल्द ही फैसला लेना होगा क्योंकि जनगणना का दूसरा चरण आगामी सितम्बर में शुरू होना है।

जीओएम के अन्य सदस्यों में केन्द्रीय कानून मंत्री एम़ वीरप्पा मोइली, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, नवीकरण एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला, नगर एवं आवास विकास मंत्री एस़ जयपाल रेडडी और रेल मंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं।

देश में जाति आधारित जनगणना आखिरी बार वर्ष 1931 में की गई थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें