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गोलों की बरसात करके क्वार्टर फाइनल में पहुंचा जर्मनी

सियासी और सैन्य प्रतिद्वंद्विता के साये में फुटबाल के मैदान को रणभूमि बनाने वाली इंग्लैंड और जर्मनी की टीमों की टक्कर में रविवार को वह रोमांच नजर नहीं आया। कमोबेश एकतरफा मुकाबले में दूसरे हाफ में...

गोलों की बरसात करके क्वार्टर फाइनल में पहुंचा जर्मनी
एजेंसीSun, 27 Jun 2010 10:59 PM
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सियासी और सैन्य प्रतिद्वंद्विता के साये में फुटबाल के मैदान को रणभूमि बनाने वाली इंग्लैंड और जर्मनी की टीमों की टक्कर में रविवार को वह रोमांच नजर नहीं आया। कमोबेश एकतरफा मुकाबले में दूसरे हाफ में थामस मूलेर के दो गोल की बदौलत 4-1 से शानदार जीत दर्ज करके जर्मनी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया।

टूर्नामेंट की शुरुआत से ही कई विवादों से जूझ रही इंग्लिश टीम की विदाई भी शर्मनाक रही। उसका डिफेंस पूरी तरह चरमराया हुआ था जबकि सितारों से सजी इंग्लैंड की फारवर्ड पंक्ति कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही। जर्मनी के लिए पिछले विश्व कप के गोल्डन बूट मिरोस्लाव क्लोसे ने 20वें और लुकास पोडोलस्की ने 32वें मिनट में गोल किया। दूसरे हाफ में मूलेर ने 67 और 70वें मिनट में गोल दागे। मैथ्यू उपसोन ने इंग्लैंड के लिए एकमात्र गोल 37वें मिनट में दागा।

अब सेमीफाइनल में प्रवेश के लिए जर्मनी का सामना अर्जेंटीना और मेक्सिको के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। 1966 के विश्व कप फाइनल में जर्मनी को अतिरिक्त समय में 4-2 से हराने के बाद इंग्लैंड सिर्फ दो बार किसी बड़े टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच सका है। विश्व कप 1990 और यूरो चैम्पियनशिप 1996 के सेमीफाइनल में उसे जर्मनी ने पेनाल्टी शूटआउट में हराया था।

इससे पहले मैच अधिकारियों की चूक की वजह से इंग्लैंड पहले हाफ में 2-2 से बराबरी नहीं कर सका। ब्रेक से पहले इंग्लैंड ने बराबरी कर ली होती जब फ्रेंक लैंपार्ड का शाट बार के भीतर जाकर गोललाइन से एक गज ऊपर की ओर उछला। उरूग्वे के रैफरी जोर्ज लोरिओंडा ने लाइंसमैन की ओर देखा और फिर खेल जारी रखने का इशारा किया।

इससे पहले शुरुआती मिनटों में दोनों टीमें नर्वस नजर आई। इंग्लैंड की फारवर्ड पंक्ति ने हालांकि कुछ अच्छे मूव बनाए लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। उन्नीसवें मिनट में फ्रेंक लैंपार्ड की फ्री-किक पर वायने रूनी गेंद को ट्रैप नहीं कर पाए। इसके अगले ही मिनट जर्मनी ने इंग्लैंड के खराब डिफेंस का फायदा उठाकर गोल करके बढ़त बना ली। मैनुअल न्यूअर की किक जान टेरी के सिर के उपर से निकल गई और क्लोसे ने उपसोन तथा डेविड जेम्स को छकाते हुए गेंद को गोल के भीतर डाल दिया। पिछले विश्व कप के गोल्डन बूट रहे क्लोसे का यह 50वां अंतरराष्ट्रीय गोल था। पिछले आठ मैचों में गोल नहीं कर सके रूनी ने 24वें मिनट में गोल करने का सुनहरा मौका गंवाया। इससे बेंच पर मौजूद कोच फेबियो कापेलो की नाराजगी साफ देखी जा सकती थी।

इंग्लैंड का डिफेंस एक बार फिर भेदते हुए जर्मन फारवर्ड पंक्ति ने 32वें मिनट में बेहतरीन मूव बनाया। क्लोसे ने गेंद थामस मूलर को सौंपी जब सेंट्रल डिफेंडर कहीं नजर भी नहीं आ रहे थे। मूलर ने पोडोलस्की को गेंद सौंपी जिसने छह गज की दूरी से गोल कर दिया। दो गोल से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ी और मैदान में बैठे दर्शक स्तब्ध रह गए।

इसके बाद इंग्लैंड ने पलटवार शुरू कर दिए जिसका फायदा उसे पांच मिनट बाद मिला। स्टीवन गेरार्ड के क्रास पर उपसोन ने हेडर के जरिए इंग्लैंड का खाता खोला। दूसरे हाफ में भी जर्मनी का दबदबा रहा जिसने इंग्लैंड के लचर डिफेंस को मजाक बनाकर रख दिया। पच्चीस गज की दूरी से फ्रेंक लैंपार्ड की फ्रीकिक को जर्मन खिलाड़ियों ने रोका और जेरेथ बेरी ने गेंद पर से कब्जा भी गंवा दिया। बेस्टियन श्वेनस्टेइगर ने मूलेर को परफेक्ट पास दिया जिस पर उसने इंग्लिश गोलकीपर डेविड जेम्स को छकाते हुए गेंद गोल के भीतर डाल दी।

इसके तीन मिनट बाद मूलेर ने एक और गोल कर दिया जिससे इंग्लैंड की हार दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ लगने लगी। मेसुट ओजिल ने छह गज की दूरी से मूलेर को पास दिया जिसने इंग्लैंड के डिफेंस को स्कूली टीम से बदतर साबित करते हुए टूर्नामेंट का सबसे आसान गोल दागा।

तीन गोल से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड के लिए वापसी मुमकिन नहीं थी और जर्मन डिफेंडरों ने भी कोई कोताही नहीं बरती। टीम की हौसलाअफजाई के लिए भारी तादाद में मौजूद इंग्लैंड के प्रशंसक सुबकते रहे और चोट के कारण विश्व कप से बाहर स्टार फुटबालर डेविड बैकहम सिर झुकाए खड़े रहे।

 

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