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वार्ता में भारत ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा

दोनों देशों के बीच विश्वास की खाई को पाटने का प्रयास करते हुए भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने पारस्परिक चिंता के सभी मुददों पर गुरुवार को चर्चा की। भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं से उपज रहे आतंकवाद...

वार्ता में भारत ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
एजेंसीThu, 24 Jun 2010 07:16 PM
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दोनों देशों के बीच विश्वास की खाई को पाटने का प्रयास करते हुए भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने पारस्परिक चिंता के सभी मुददों पर गुरुवार को चर्चा की। भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं से उपज रहे आतंकवाद के संबंध में अपनी मुख्य चिंता से पाकिस्तानी पक्ष को अवगत कराया।

विगत चार महीनों में दोनों देशों के विदेश सचिवों की यह दूसरी बैठक है। विदेश सचिव निरूपमा राव और पाकिस्तानी विदेश सचिव सलमान बशीर ने अपनी वार्ता को मैत्रीपूर्ण और रचनात्मक बताया। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के रुख और चिंताओं को समझने का प्रयास किया।

मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद राव पाकिस्तान का दौरा करने वाली पहली वरिष्ठ भारतीय अधिकारी हैं। राव ने जोर दिया कि दोनों देशों के फिर से बातचीत करने का उद्देश्य उन कारणों को तलाशना है कि क्यों विश्वास में कमी आई और इस खाई को कैसे पाटा जा सकता है। राव ने बशीर के साथ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने सभी मुद्दों पर चर्चा की। और निश्चित तौर पर आतंकवाद के संबंध में अपनी मुख्य चिंता से भी साफ-साफ अवगत कराया।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह को इस साल अप्रैल में थिंपू में आश्वस्त किया था कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में करने की अनुमति नहीं देगा।
   
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह महत्वपूर्ण वादा है और हम यह भी मानते हैं कि हमें अनसुलझे मुद्दों के समाधान के हमारे लक्ष्य की ओर साथ मिलकर काम करना चाहिए। 

आगामी 15 जुलाई को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक का आधार तैयार करने के लिए राव के साथ बैठक के बाद बशीर ने कहा कि वह बातचीत का नतीजा अच्छा रहने के बारे में बहुत आशान्वित हैं।
 उन्होंने कहा कि दोनों देशों को इस दृष्टि के साथ विश्वास बहाली और विश्वास पैदा करने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि व्यापक, अनवरत और ठोस वार्ता को संभव बनाया जा सके।

बशीर ने कहा कि बैठक में सद्भावना, ईमानदारी और गंभीरता दिखी। बातचीत बेहद रचनात्मक थी। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों की दशा की व्यापक समीक्षा करने में सक्षम हो सके। चिंता और हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। राव ने कहा कि चर्चा न सिर्फ अन्वेषी थी बल्कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे की स्थिति को भी समझने की कोशिश की।

भारतीय विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देशों को निश्चित तौर पर आतंकवादी तत्वों को के शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देना चाहिए। दोनों पक्षों ने यह भी गौर किया कि भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और उनके पाकिस्तानी समकक्ष रहमान मलिक आतंकवाद पर चर्चा करेंगे और उम्मीद जताई कि यह मुद्दों के निराकरण के प्रयासों को प्रगाढ़ और ठोस बनाने में मदद करेगा।

चिदंबरम दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की शुक्रवार को होने वाली बैठक के दौरान मलिक से मिलेंगे। कूटनयिक सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने कश्मीर, मानवीय मुद्दों और आतंकवाद समेत लंबित मुद्दों पर प्रस्तावों का भी आदान-प्रदान किया।

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