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मैं फिल्में शूट करने का हुनर नहीं जानता : मणिरत्नम

लगातार तीन दशकों से हिन्दी फिल्में बना रहे मशहूर फिल्म निर्माता मणिरत्नम का कहना है कि जब भी वह कोई नई फिल्म बनाते हैं तो उन्हें दृश्यों के सही फिल्मांकन के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। मणिरत्नम...

मैं फिल्में शूट करने का हुनर नहीं जानता : मणिरत्नम
एजेंसीThu, 17 Jun 2010 05:51 PM
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लगातार तीन दशकों से हिन्दी फिल्में बना रहे मशहूर फिल्म निर्माता मणिरत्नम का कहना है कि जब भी वह कोई नई फिल्म बनाते हैं तो उन्हें दृश्यों के सही फिल्मांकन के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

मणिरत्नम ने बताया कि प्रत्येक फिल्म में पुन: उसी स्थिति में लौट जाता हूं। जब मैंने अपनी पहली फिल्म बनाई थी, मैंने उस समय कोई प्रशिक्षण नहीं लिया था, न ही किसी निर्देशक के साथ मैंने काम किया था। वास्तव में मैं नहीं जानता था कि फिल्म कैसे बनाई जाती है।

कन्नड़ फिल्म 'पल्लवी अनु पल्लवी' से अपने करियर की शुरूआत करने वाले मणिरत्नम ने कहा कि मैं सोचता था कि जब मैं दो या तीन फिल्में बना लूंगा तो विशेषज्ञ बन जाऊंगा। 20 फिल्में बनाने के बाद भी मैं नहीं जानता कि फिल्में कैसे शूट की जाती हैं। मै अभी भी संघर्ष कर रहा हूं।

मणिरत्नम ने मशहूर कन्नड़ फिल्में बनाई हैं जिनमें  'माउना रागम', 'नयागान',  'अंजली', 'थालापाठी' मुख्य रूप से शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ मणिरत्नम ने 'युवा', 'गुरु', 'रोजा', 'बांबे' और 'दिल से' जैसी मशहूर हिन्दी फिल्में भी बनाई हैं।

'युवा' और 'गुरु' के बाद मणिरत्नम ने एक बार फिर अभिषेक के साथ थ्रिलर फिल्म 'रावण' बनाई है जो शुक्रवार को प्रदर्शित हो रही है। अभिषेक के बारे में मणिरत्नम कहते हैं कि जब भी मैंने अभिषेक के साथ काम किया उन्होंने अलग तरह की भूमिकाएं कीं और काफी अच्छे तरीके से उस भूमिका को निभाया। प्रत्येक फिल्म के साथ वह अच्छा कर रहे हैं।

फिल्म 'रावण' का निर्माण तमिल और हिन्दी में किया गया है। इस फिल्म की शूटिंग करेल के अथीरापल्ली के जंगलों, तमिलनाडु के ओट्टी, उत्तर प्रदेश में झांसी के साथ ही कोलकाता और महाराष्ट्र में की गई है।

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