हरियाणा के पूर्व आईजी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
आठ साल पहले एक महिला वकील का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरे हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एम एस अहलावत की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश...
आठ साल पहले एक महिला वकील का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरे हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एम एस अहलावत की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर सी गोदारा ने दोपहर बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया। अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर किए जाने के समय अहलावत स्वयं अदालत में मौजूद नहीं थे लेकिन उनके वकील आई के गुजराल तथा उमरेश गांधी और शिकायतकर्ता के वकील अदालत में हाजिर थे।
महिला वकील ने पिछले सप्ताह पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि अहलावत ने उस समय उसका यौन शोषण किया जब वह वर्ष 2002 में यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक थे। महिला वकील ने दावा किया था कि वह अपने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला यमुनानगर पुलिस के समक्ष दर्ज कराने गई थी और उसी दौरान वह अहलावत के संपर्क में आयी। पीडिता ने आरोप लगाया है कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने उससे अपने कैम्प आफिस में मिलने पर दबाव डाला और कथित रूप से उसके साथ अवैध संबंध स्थापित करने की कोशिश की।
अहलावत के वकील ने दस जून को अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी जिसमें पूर्व आईजीपी ने अपील की थी कि उनके मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक रूप से डराना धमकाना) लागू नहीं होती। अहलावत ने एक अन्य याचिका में इस आधार पर अग्रिम जमानत मांगी थी कि पीडिता ने इतने सालों में पहले कभी अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया। अहलावत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की तीन अलग अलग धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं।