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बदलते समय के साथ बदली इग्नू की छवि

कुछ साल पहले तक छात्रों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की छवि एक रेगुलर कोर्स कराने वाले विश्वविद्यालय की थी। इसी वजह से छात्र इग्नू को अपना पहला विकल्प के रूप में नहीं लेते...

बदलते समय के साथ बदली इग्नू की छवि
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 07 Jun 2010 04:58 PM
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कुछ साल पहले तक छात्रों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की छवि एक रेगुलर कोर्स कराने वाले विश्वविद्यालय की थी। इसी वजह से छात्र इग्नू को अपना पहला विकल्प के रूप में नहीं लेते थे। पर बदलते समय के साथ इग्नू की छवि और इग्नू दोनों बदल चुके हैं। बदलते समाज की व्यावसायिक सोच को समझते हुए इग्नू ने कई प्रोफेशनल कोर्स शुरू किए हैं। आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय कुल 70 सर्टिफिकेट कोर्स, 33 डिप्लोमा कराती है। ये कोर्स लीग से हट कर हैं और छात्रों का करियर को बनाने में पर्याप्त है।

सामुदायिक रेडियो
इग्नू सामुदायिक रेडियो में सर्टिफिकेट कोर्स कराता है। यह पाठ्यक्रम इग्नू के पत्रकारिता एवं नवीन मीडिया अध्ययन विद्यापीठ के अधीन चलाया जाता है, जिसकी अवधि 6 माह है। सामुदायिक रेडियो का कोर्स हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जाता है।

वैसे तो इस कोर्स में दाखिला की तिथि निकल चुकी है पर इच्छुक छात्र 200 रुपए विलंब शुल्क के साथ उक्त तिथि तक आवेदन कर सकते हैं। इस पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए दस दिन का अनिवार्य इंटर्नशिप की व्यवस्था की जाती है।

सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी रेडियो कोर्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ. रमेश यादव कहते हैं कि जिन छात्रों के दिल-दिमाग में समाज के लिए कुछ खास करने की ललक है, उनके लिए यह कोर्स बेहतर है। भारत में करीब 75 सामुदायिक रेडियो केन्द्र संचालित हो रहे हैं व सैकड़ों सामुदायिक रेडियो केन्द्र खोलने के लिए लाइसेंस दिए जा चुके हैं। सामुदायिक रेडियो की पहुंच सामान्य रूप से 10 से 12 किलोमीटर तक होती है।

सौंदर्य, पोषाहार एवं स्वास्थ्य में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट
इग्नू ने हाल ही में सौंदर्य, पोषाहार एवं स्वास्थ्य शिक्षा में कदम रखा है। इसके लिए इग्नू ने वीएलसीसी नामक शिक्षा संस्थान के साथ एक समझौता भी किया है। समझौते के तहत इग्नू और वीएलसीसी उक्त क्षेत्रों में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स कराएंगे। अहम बात है कि वीएलसीसी द्वारा यह सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स छात्रों को फेस-टू-फेस अनुबंध आधार पर कराता है।

कोर्स को कराने के बाद छात्रों को इग्नू और वीएलसीसी का संयुक्त प्रमाण पत्र दिया जाता है। कोर्स को बेहतर बनाए रखने के लिए समय-समय पर विश्वविद्यालय की टीम संस्थान में जाकर तय मानकों का जायजा लेती है और देखती है कि समझौते के तहत पाठय़क्रमों को कराया जा रहा है या नहीं।

एनजीओ मैनेजमेंट
नान गवर्नमेंटल आर्गनाइजेशन यानी एनजीओ में जॉब के बढ़ते अवसर को देखते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में एनजीओ मैनेजमेंट कोर्स है। कोर्स में छात्रों को एनजीओ में जरूरी काम करने के अलावा एनजीओ का काम करने के तौर तरीकों की जानकारी दी जाती है।

इस पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए सात दिन का अनिवार्य इंटर्नशिप की व्यवस्था की जाती है। जिसमें छात्र एनजीओ के साथ काम करने का अनुभव लेते हैं। कोर्स की अवधि 6 माह है।
थ्री डी एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्ट्स डिग्री कोर्स

एनिमेशन की तरफ छात्रों के बढ़ती रूचि को देख कर इग्नू ने एनिमेशन संस्थान माया अकादमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स साथ मिलकर थ्री डी एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्ट्स का कोर्स लाया है। दोनो प्रतिष्ठित संस्थाओं के मध्य इस संयुक्त साङोदारी के द्वारा नई दिल्ली मैक केंद्र पर थ्री डी एनिमेशन  एंड विजुअल इफेक्ट्स की तीन साल की स्नातक डिग्री प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून है।

तीन साल की स्नातक डिग्री में सॉफ्ट स्किल, बिजनेस एवं प्रोडक्शन मैनेजमेंट कोर्स, क्रिएटिव राईटिंग आदि विशय शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक अगले दो सालों में देश में लगभग 3 लाख एनीमेटर की मांग होगी। कोर्स को करने के बाद छात्र के लिए कई विकल्प होते हैं जिसमें प्रमुख है गेम डिजाइनिंग, आर्किटेरल डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में एनीमेशन संबंधित संभावनाएं, कार्टूनिस्ट आदि। कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी को इग्नूऔर माया एकेडमी ऑफ एडवान्स्ड सिनेमेटिक्स की डिग्री व सर्टिफिकेट मिलता है।

मनोविज्ञान में कोर्स
इग्नू ने मनोविज्ञान क्षेत्र में भी बढ़त बनाने का मन बना लिया है। स्नातक और स्नाकोत्तर स्तर पर कोर्स शुरू किए गए है। मनोविज्ञान कार्यक्रम में छात्रों को खेल मनोविज्ञान, पूर्वी मनोविज्ञान, न्यूरो मनोविज्ञान, फॉरेंसिक मनोविज्ञान जैसे विषय को पढ़ाया जाएगा।

कोर्स को करने के बाद छात्रों को मनोविज्ञान फील्ड में जॉब आसानी से मिल सकती है। कोर्स के तहत छात्रों को किसी अनुभवी मनोवैज्ञानिक के साथ दो महीने का काम करने का भी मौका दिया जाएगा, ताकि छात्र इस दौरान मनोविज्ञान से जुड़े हर जानकारी को हासिल कर सके। छात्रों के प्रैक्टिकल यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय केंद्रों और संबंधित शिक्षा संस्थानों में कराए जाएंगे। एमए करने के बाद स्टूडेंट्स चिकित्सक मनोवैज्ञानिक या, संगठनात्मक मनोवैज्ञानिक के रूप में भी कार्य कर सकते है।

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