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ब्रिटेन के अभिलेखागार में गांधी के दुर्लभ पत्र

भारत विभाजन के पहले महात्मा गांधी और लार्ड माउंटबेटन के बीच दीर्घकालिक वार्ता चली थी इस दौरान राष्ट्रपिता ने कुछ हस्तलिखित नोट तैयार किए थे जिसे अति-महत्व के दस्तावेज का दर्जा देते हुए ब्रिटिश विरासत...

ब्रिटेन के अभिलेखागार में गांधी के दुर्लभ पत्र
एजेंसीFri, 04 Jun 2010 06:45 PM
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भारत विभाजन के पहले महात्मा गांधी और लार्ड माउंटबेटन के बीच दीर्घकालिक वार्ता चली थी इस दौरान राष्ट्रपिता ने कुछ हस्तलिखित नोट तैयार किए थे जिसे अति-महत्व के दस्तावेज का दर्जा देते हुए ब्रिटिश विरासत निधि ने सुरक्षित किया है।

ब्रिटेन के नेशनल हेरिटेज मेमोरियल फंड ने ब्राडलैंडस आर्काइव्स की सुरक्षा के लिए 20 लाख पौंड की राशि का योगदान किया है। 19वीं सदी के अंत में ब्रिटेन को प्रभावित करने वाली प्रमुख राजनीतिक घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा ब्राडलैंडस आर्काव्इस में है।

इस अभिलेखागार में लार्ड माउंटबेटन के नोट और दस्तावेज हैं। माउंटबेटन ने उन वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके बाद भारत से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन समाप्त हुआ था। उल्लेखनीय है कि माउंटबेटन अंतिम ब्रिटिश वायसराय तथा भारत के पहले गवर्नर जनरल थे।

इन दस्तावेजों में गांधी की ओर से माउंटबेटन को हस्तलिखित पत्र है। गांधी ने अपने मौन व्रत के संबंध में माउंटबेटन को लिखा है। अभिलेखागार में विक्टोरिया युग की महत्वपूर्ण हस्तियों के बीच आधिकारिक तथा निजी पत्राचार के 4500 बक्से हैं।

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