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चीनी उद्योग मंडल ने भारत की चिंता को निराधार बताया

चीन के एक प्रमुख उद्योग मंडल ने चीनी दूरसंचार उपकरणों से भारतीय सुरक्षा को लेकर प्रकट की जा रही चिंताओं को आधारहीन बताया है। संगठन का कहना है कि चीन की कंपनियां उसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करती हैं,...

चीनी उद्योग मंडल ने भारत की चिंता को निराधार बताया
एजेंसीTue, 01 Jun 2010 04:57 PM
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चीन के एक प्रमुख उद्योग मंडल ने चीनी दूरसंचार उपकरणों से भारतीय सुरक्षा को लेकर प्रकट की जा रही चिंताओं को आधारहीन बताया है। संगठन का कहना है कि चीन की कंपनियां उसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करती हैं, जो पश्चिमी देशों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसे में सिर्फ चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाना पक्षपातपूर्ण है।

      मशीनरी और इलेक्ट्रानिक उत्पादों के निर्यात आयात में लगी चनी कंपनियों के मंडल, चाइना चैंबर आफ कामर्स फार इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट आफ मशीनरी एंड इलेक्ट्रानिक प्रोडक्टस ने भारत सरकार से कहा कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखे। चैंबर का कहना है कि इस कदम से भारतीय उद्योग और ग्राहकों को भी हित प्रभावित होंगे। चैंबर के अध्यक्ष जांग युजिंग ने सरकारी चाइना डेली से कहा, भारत में चीनी उपकरणों के इस्तेमाल के विवाद से किसी को फायदा नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि यह भेदभावपूर्ण नीति है जिससे न केवल चीनी वेंडर प्रभावित होंगे, बल्कि इससे भारतीय कारोबारियों और ग्राहकों पर भी असर पड़ेगा। जांग ने कहा कि इन चिंताओं का कोई आधार नहीं है, क्योंकि चीनी कंपनियां भी वही प्रौद्योगिकी इस्तेमाल कर रही हैं, जो पश्चिमी देश करते हैं। चैंबर ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान भारतीय दूरसंचार आपरेटरों ने चीन में बने उपकरणों का काफी इस्तेमाल किया है, पर कभी राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी कोई समस्या पैदा नहीं हुई।

चैंबर ने कहा कि यह कदम भारतीय आपरेटरों के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है, जिन्हें 3जी स्पेक्ट्रम की खरीद के लिए पहले ही भारी राशि खर्च करनी पड़ी है। यदि आपरेटरों को चीन के वेंडर से खरीद की अनुमति नहीं मिलती है, तो ऐसे में उन्हें पश्चिमी देशों की कंपनियों से उपकरणों की खरीद करनी पड़ेगी, जो काफी महंगे होंगे। ऐसे में वे इसका बोझ ग्राहकों पर डालेंगे।

माना जाता है कि चीन के दूरसंचार उपकरण 20 प्रतिशत तक सस्ते पड़ते हैं। यह दूसरा मौका है जब सरकारी मीडिया ने स्थानीय उद्योग की चिंता के बारे में जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है, पर इसमें हर मामले के हिसाब से विचार किया जाता है।

खास बात है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की तुरंत संपन्न हुई चीन की यात्रा के दौरान यह मुद्दा नहीं उठा। अपने छह दिन की चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित लगभग सभी शीर्ष नेताओं से हुई थी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यात्रा के दौरान दूरसंचार उपकरणों का मसला नहीं उठा।

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