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भारतीय नारी को सशक्त रूप देने वाली अभिनेत्री थीं नर्गिस

फिल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका के ज़रिए भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली नर्गिस हिंदी सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने लगभग दो दशक लंबे फिल्मी सफर में दर्जनों...

भारतीय नारी को सशक्त रूप देने वाली अभिनेत्री थीं नर्गिस
एजेंसीMon, 31 May 2010 05:50 PM
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फिल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका के ज़रिए भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली नर्गिस हिंदी सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने लगभग दो दशक लंबे फिल्मी सफर में दर्जनों यादगार और संवदेनशील भूमिकाएं कीं और अपने सहज अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया।
    
एक जून 1929 को पैदा हुई नर्गिस का असली नाम फातिम रशीद था और वह मशहूर गायिका जद्दनबाई की पुत्री थीं। कला उन्हें विरासत में मिली थी और सिर्फ छह साल की उम्र में उन्होंने फिल्म 'तलाश-ए-हक़' से अभिनय की शुरूआत कर दी थी। 1940 और 50 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित महबूब ख़ान की फिल्म 'मदर इंडिया' उनकी सर्वाधिक चर्चित फिल्मों में रही। इस फिल्म को ऑस्कर के लिए नामित किया गया था।
    
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित फिल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फिल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फिल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों ने शादी कर ली थी।
    
परदे पर राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी विशेष रूप से सराही गई और इस जोड़ी को हिंदी फिल्मों की सफल जोड़ियों में से एक गिना जाता है। दर्शकों ने इस जोड़ी को ख़ूब पसंद किया। इस जोड़ी की हिट फिल्मों में 'आग', 'बरसात', 'आह', 'आवारा', 'श्री 420', 'चोरी चोरी', 'जागते रहो' अदि शामिल हैं। उनकी फिल्में भारत के अलावा पूर्व सोवियत संघ के देशों में काफी पसंद की जाती रही हैं।

नर्गिस ने 'मदर इंडिया' के अलावा 'आवारा', 'श्री 420', 'बरसात', 'अंदाज़', 'लाजवंती', 'जोगन', 'बेवफा', 'पापी', 'परदेसी', 'रात' और 'दिन' सहित दर्जनों कामयाब फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया। उनकी कई फिल्मों में राजकपूर और दिलीप कुमार नायक थे।
    
शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और 'लाजवंती', 'अदालत', 'यादें', 'रात और दिन' जैसी कुछेक फिल्मों में ही अभिनय किया। रोमांटिक भूमिकाओं को सहज रूप से निभाने वाली नर्गिस ने लीक से हटकर कई भूमिकाएं कीं।

अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। उन्होंने पति सुनील दत्त के साथ 'अजंता आर्टस कल्चरल ट्रूप' की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज शो करता था। इसके अलावा वह स्पास्टिक सोसाइटी से भी जुड़ी रहीं।
    
नर्गिस को पदमश्री और उर्वशी सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। इनमें फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा फिल्म 'रात और दिन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल है। बाद में उन्हें राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया। लेकिन राज्यसभा का अपना कार्यकाल वह पूरा नहीं कर सकीं। इसी दौरान वह गंभीर रूप से बीमार हो गईं और तीन मई 1981 को कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई।
    
उनकी याद में 1982 में नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई।

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