जब 1950 में विश्वकप नहीं खेल पाया था भारत
भारत को 1950 में ब्राज़ील में हुए विश्वकप में खेलने का सुनहरा मौका मिला था लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के उस समय नंगे पांव से खेलने की वजह से यह मौका उनके हाथ से निकल गया। द्वितीय विश्व युद्ध के...
भारत को 1950 में ब्राज़ील में हुए विश्वकप में खेलने का सुनहरा मौका मिला था लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के उस समय नंगे पांव से खेलने की वजह से यह मौका उनके हाथ से निकल गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण फुटबॉल विश्वकप 1938, 1942 और 1946 में आयोजित नहीं हो पाया था। ब्राज़ील को 1950 में चौथे विश्वकप की मेज़बानी करने का मौका मिला। यही वह टूर्नामेंट था जिसमें भारतीय टीम विश्व स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती थी लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की उस समय नंगे पैर से फुटबॉल खेलने की आदत उसके लिए परेशानी का सबब बन गई थी।
भारत ने अपने निर्धारित प्रतिद्वंद्वियों के हट जाने के परिणामस्वरूप इस विश्वकप के लिए क्वालिफाई किया था। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ 'फीफा' के नियम के अनुसार खिलाड़ियों को जूते पहनकर इस विश्वकप में खेलना था लेकिन भारतीय खिलाड़ी जूते पहनकर फुटबॉल खेलने के अभ्यस्त नहीं थे और उन्होंने इस टूर्नामेंट में खेलने से इनकार कर दिया।
भारतीय फुटबॉल टीम उस समय नंगे पैर से फुटबॉल खेलने के लिए जानी जाती थी। मोहम्मद अब्दुल सलीम नाम के एक भारतीय फुटबॉलर उस समय सेल्टिक फुटबॉल क्लब के लिए नंगे पैर ही खेला करते थे। उस विश्वकप के बाद से भारतीय टीम फिर कभी विश्वकप के लिए क्वालिफाई करने के आसपास भी नहीं पहुंच पाई। मौजूदा विश्वकप के क्वालिफाइंग के पहले राउंड में भारत को लेबनान ने पहले ही राउंड में बाहर कर दिया था।
भारत के साथ तुर्की ने भी 1950 विश्वकप के लिए क्वालिफाई किया था लेकिन उसने भी फिर खुद को विश्वकप से हटा लिया था। स्कॉटलैंड भी इस विश्वकप में खेलने से हट चुका था। फ्रांस और पुर्तगाल को तुर्की और भारत की जगह लेने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन इन दोनों ने भी विश्वकप में खेलने से इनकार कर दिया। इस विश्वकप में 16 टीमों की बजाय 13 टीमों ने हिस्सा लिया। उरुग्वे ने ब्राज़ील को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
हालांकि भारत 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक के फुटबॉल टूर्नामेंट के चौथे स्थान पर रहा था और उसने 1960 के रोम ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई किया था। रोम में भारत को पेरु और हंगरी से हार का सामना करना पड़ा था और फ्रांस के साथ उसका मुकाबला 1-1 की बराबरी पर छूटा था। उसके बाद से भारत कभी ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पाया।
मौजूदा विश्व रैंकिंग में भारत इस समय 132वें स्थान पर है और उसकी सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग 1996 में 94 रही थी। पिछले 50 सालों में भारतीय फुटबॉल तमाम कोशिशों के बावजूद कोई सुधार नहीं कर पाई है। भारत के मुकाबले दुनिया के कई छोटे-मोटे देश विश्वकप में खेलते रहे हैं लेकिन एक अरब से ज़्यादा की जनसंख्या वाला देश भारत 1950 के बाद फिर कभी विश्वकप में नहीं खेल पाया।