कैपिटेशन फीस के खिलाफ लोकसभा में महत्वपूर्ण विधेयक पेश
किसी भी मेडिकल या तकनीकी शिक्षण संस्थान द्वारा कैपिटेशन फीस वसूले जाने को संज्ञेय अपराध बनाने और पुलिस को दोषी अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार प्रदान करने के लिए सोमवार को लोकसभा...
किसी भी मेडिकल या तकनीकी शिक्षण संस्थान द्वारा कैपिटेशन फीस वसूले जाने को संज्ञेय अपराध बनाने और पुलिस को दोषी अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार प्रदान करने के लिए सोमवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा पेश तकनीकी शिक्षा संस्थाओं, आयुर्विज्ञान शिक्षा संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में अनुचित आचरण का प्रतिषेध विधेयक 2010 दो श्रेणियों में अनुचित आचरण को वर्गीकृत किया गया है। इसमें कैपिटेशन फीस वसूली संज्ञेय अपराध होगी जबकि अन्य आचरण असंज्ञेय होंगे और उसमें कुछ जुर्माने का प्रावधान होगा।
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा संस्था प्रत्यायन विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2010 भी पेश किया। इसमें दीवानी मामले शिक्षा अधिकरण में जाएंगे जबकि संज्ञेय अपराधों का निपटारा अदालत करेगी।
इस समय निजी इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेजों में फीस ढांचा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित किया जाता है। लेकिन ऐसे भी कई मामले देखने में आए हैं जहां संस्थान समिति द्वारा निर्धारित फीस ढांचे से अधिक फीस वसूल कर रहे हैं।