यूपीए की कलह खुल कर सतह पर आई
यूपीए सरकार के विभिन्न घटकों के बीच कलह उस समय खुलकर सतह पर आ गई जब चौथे मोर्चे के प्रमुख सूत्रधार रलमंत्री लालू प्रसाद यादव, इस्पात मंत्री राम विलास पासवान तथा कृषि मंत्री शरद पवार ने गुरुवार को...
यूपीए सरकार के विभिन्न घटकों के बीच कलह उस समय खुलकर सतह पर आ गई जब चौथे मोर्चे के प्रमुख सूत्रधार रलमंत्री लालू प्रसाद यादव, इस्पात मंत्री राम विलास पासवान तथा कृषि मंत्री शरद पवार ने गुरुवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। जाहिर है कि लालू,पासवान व पवार की तिकड़ी कांग्रेस पर चुनाव बाद समीकरणों को लेकर दबाव बना रही है। लेकिन कांग्रेस के एक सूत्र का मानना है कि प्रधानमंत्री कैबिनेट बैठक बुलाने के पहले इन सभी मंत्रियों से बात कर लेते तो बात का बतंगड़ नहीं बनता।ड्ढr टिकटों की लड़ाई के बाद कांग्रेस ने पहले यूपीए के प्रमुख घटक लालू तथा पासवान पर उन्हीं की माँद (बिहार) में जमकर हमला बोला तथा उसके बाद उनके दुश्मन नम्बर-वन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करके दोनों के जले पर नमक छिड़क दिया। वक्त की नजाकत की देखते हुए वैसे कांग्रस के मीडिया विभाग के प्रभारी एम. वीरप्पा माइली ने मामले पर मरहम लगाने का प्रयास कि या पर मामला इतना बिगड़ चुका है कि इसके असर के बार में कुछ कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हं नहीं लगता कि कांग्रस, नीतीश कुमार का हीरा बना रही है। वह जिस ढंग स भाजपा स जुड़ हैं और संबंधां का आग बढ़ा रह हैं उससे लगता है कि उनकी धर्म निरपक्षता का सांप्रदायिक ताकतों के साथ पूरा तालमल है ।ड्ढr माइली न आराप लगाया कि नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद पर बन रहना विचारधारा क मुकाबल अधिक महत्वपूर्ण है। कांग्रस का नीतीश की सीमाआं का पता है । वह जद (यू) मं हैं। जस ही वह हमार साथ आएँग, वह समाप्त हा जाएँग । वह मुख्यमंत्री बन रहन क लिए भाजपा जसी सांप्रदायिक पार्टी के साथ जुड़ रहन के लिए तैयार हैं। राजद और लाजपा क साथ संबंधां मं खटास के मुद्द पर माइली न कहा कि कांग्रस के लिए नाराज हान की और बहुत सी वजहं हैं। उनका इशारा बिहार मं सीटां के बँटवार की आर था क्यांकि यूपीए के इन दा घटकां, राजद और लाजपा, न 40 मं स केवल तीन सीटं कांग्रस के लिए छाड़ी थीं ।