विकास दर में आएगी तेजी लेकिन महंगाई बड़ी चिंता: सुब्बाराव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर में मौजूदा अनुमान 7.2 फीसदी की तुलना में मामूली इजाफा दर्ज किया जा सकता है लेकिन तेजी से बढ़ रही...
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर में मौजूदा अनुमान 7.2 फीसदी की तुलना में मामूली इजाफा दर्ज किया जा सकता है लेकिन तेजी से बढ़ रही महंगाई सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की संचालन समिति की बैठक के दौरान उन्होंने वित्त वर्ष 2०1०-11 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर आठ फीसदी रहने की संभावना जताई।
आईएमएफ ने भारत को जापान और चीन के बाद एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना है। आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था 1.2 खरब डॉलर की है और मौजूदा साल में इसमें 8.8 फीसदी और अगले साल 8.4 फीसदी की दर से इसमें वृद्धि हो सकती है। यह अनुमान जनवरी के अनुमान से ज्यादा है।
सुब्बाराव ने कहा कि भारत का आर्थिक विकास काफी व्यापक स्तर पर हो रहा है। औद्योगिक विकास में काफी मजबूती दिख रही है। ऋणों के प्रवाह ने रफ्तार पकड़ ली है। निजी क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।
उन्होंने विश्वास जताया कि देश में इतनी क्षमता है कि विकास दर दोहरे अंकों तक पहुंच जाए लेकिन खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई की योजना है कि उद्योगों से आर्थिक पैकेज को धीरे-धीरे वापस लिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इससे उद्योगों का विकास प्रभावित न हो।
उन्होंने कहा कि कठोर आर्थिक नीतियों से भले ही लघु अवधि में विकास दर पर मामूली असर पड़े लेकिन लंबी अवधि में यह अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर ही साबित होगा।
सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई ने धीरे-धीरे कड़े आर्थिक कदम उठाने की शुरुआत कर दी है।