फोटो गैलरी

Hindi Newsप्रोत्साहन पैकेज की वापसी अर्थव्यवस्था के हित में रिजर्व बैंक

प्रोत्साहन पैकेज की वापसी अर्थव्यवस्था के हित में: रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि वैश्विक आर्थिक संकट के समय अपनाई गई सस्ते ऋण की नीति को अब समेटना ही अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक हित में है और उसने इसकी...

प्रोत्साहन पैकेज की वापसी अर्थव्यवस्था के हित में: रिजर्व बैंक
एजेंसीTue, 27 Apr 2010 02:38 PM
ऐप पर पढ़ें

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि वैश्विक आर्थिक संकट के समय अपनाई गई सस्ते ऋण की नीति को अब समेटना ही अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक हित में है और उसने इसकी शुरुआत कर दी है।

आरबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को वाशिंगटन की एक प्रमुख आर्थिक शोध संस्था, पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में अपने भाषण में कहा कि यहां ब्यौरा महत्वपूर्ण नहीं है, पर आप को यह स्पष्ट संदेश मिल जाना चाहिए कि हमने नरम रुख में बदलाव पूरी गंभीरता से शुरू कर दिया है।

यह पूछे जाने पर कि मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों को वापस लिया जाना क्या आर्थिक वृद्धि के विरूद्ध नहीं है, तो उन्होंने कहा, तात्कालिक रूप से यह कदम वृद्धि विरोधी दिख सकता है, लेकिन दीर्घ और मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति आर्थिक वृद्धि के लिए ज्यादा घातक हो सकती है। इसीलिए हमने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए।

सुब्बाराव ने कहा कि हमने प्रोत्साहन उपाय वापस लेने की प्रक्रिया अक्टूबर 2009 में ही शुरू कर दी थी। हमने सबसे पहले गैर परंपरागत उपायों को वापस लेना शुरू किया। सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के अनुपात (एसएलआर) को बढ़ाकर संकट से पूर्व के स्तर पर लाया गया। जनवरी में सीआरआर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई और पिछले सप्ताह इसमें सिर्फ 0.25 प्रतिशत का और इजाफा किया गया। नीतिगत ब्याज दरों में भी मार्च के मध्य में और पिछले सप्ताह, दो बार में कुल 0.50 प्रतिशत अंक की वृद्धि की गई।

उन्होंने कहा कि हमने मार्च में प्रमुख दरों में बढ़ोतरी की और पिछले सप्ताह फिर इसमें वृद्धि की गई। अब तक प्रमुख दरों में 0.5 फीसदी की वृद्धि की जा चुकी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें