राजद प्रत्याशियों की लुटिया डुबोने की कोशिश
राजद चुनाव के अंत-अंत तक बागियों एवं भीतरघातियों से जूझता रहा। सिर्फ राजद ही नहीं, लोजपा के उम्मीदवार भी उनसे अंत-अंत तक पार पाने का उपाय ढूंढ़ते रहे। कई जगहों पर विरोधी दलों की अपेक्षा बागियों एवं...
राजद चुनाव के अंत-अंत तक बागियों एवं भीतरघातियों से जूझता रहा। सिर्फ राजद ही नहीं, लोजपा के उम्मीदवार भी उनसे अंत-अंत तक पार पाने का उपाय ढूंढ़ते रहे। कई जगहों पर विरोधी दलों की अपेक्षा बागियों एवं भीतरघातियों ने ही राजद-लोजपा के उम्मीदवारों की लुटिया डूबाने की हर कोशिश की। अब 16 मई के परिणाम से ही यह पता चलेगा कि राजद के बागी और भीतरघातियों को जनता ने कितना पसंद किया। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के साले साधु यादव से लेकर उनके मित्र रहे विजयकृष्ण तक ने राजद का खूंटा उखाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। यहां तक कि लालू प्रसाद के क्षेत्र पाटलिपुत्र में सांसद रामकृपाल यादव खुले दिल से मैदान में नहीं उतर होते तो उनके समर्थक घर बैठने का मन बना चुके थे। वाल्मीकिनगर में विधायक राजेश सिंह के भीतरघात से परशान लालू प्रसाद को सार्वजनिक मंच से ही उन्हें दल से निष्कासित करने की घोषणा करनी पड़ी।ड्ढr ड्ढr साले साधु यादव ने सिर्फ अपने विरोधी लोजपा उम्मीदवार प्रकाश झा को ही संकट में ही नहीं डाला बल्कि पूर्वी चम्पारण से खड़े ‘लंगोटिया यार’ अखिलेश प्रसाद सिंह की हार सुनिश्चित करने के लिए काफी मेहनत की। अपने पुराने क्षेत्र गोपालगंज में भी राजद उम्मीदवार को उन्होंने परशान किया। नवादा के सांसद वीरचन्द्र पासवान ने तो टिकट कटने के बाद अपना खुन्नस लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान पर निकाला और उनको हराने के लिए बाजाप्ता हाजीपुर से उम्मीदवारी ठोक दी। रघुवंश प्रसाद सिंह की पहल पर श्री पासवान नवादा से राजद सांसद बने थे। गया में सांसद रामझी मांझी वैसे खुलकर पार्टी के खिलाफ नहीं आये पर चुनाव में उनके समर्थकों की मायूसी का असर पड़ा। मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने तो लोजपा के दो उम्मीदवारों सुपौल के सूर्य नारायण यादव और पूर्णिया के शंकर झा की हालत पतली करने में ही अपनी पूरी ताकत लगयी।ड्ढr ड्ढr जानकारों की मानें तो किशनगंज एवं मधेपुरा में भी पप्पू यादव एवं उनके शागिर्दो ने राजद की खाट खड़ी करने के लिए जमकर पसीना बहाया। बांका में गिरधारी यादव ने कांग्रस प्रत्याशी बनकर राजद उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण यादव को परास्त करने का का बीड़ा उठाया। जहानाबाद के सांसद गणेश प्रसाद सिंह एवं सांसद विजय कृष्ण ने जदयू का दामन थाम जहानाबाद एवं पटना साहिब क्षेत्र से राजद की दावेदारी खत्म करने का हर प्रयास किया। विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने भी पटना साहिब के राजद प्रत्याशी विजय कुमार साहू की खुलकर मदद नहीं की।ं