फोटो गैलरी

Hindi Newsयोद्धाओं के महासंग्राम के आकर्षण होंगे 'द ग्रेट खली'

योद्धाओं के महासंग्राम के आकर्षण होंगे 'द ग्रेट खली'

डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में भारत को विशेष पहचान दिलाने वाले 'द ग्रेट खली' यानी दलीप सिंह राणा बालिका भ्रूण हत्या के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से आठ मई को गुड़गांव के ताउ देवीलाल स्टेडियम में...

योद्धाओं के महासंग्राम के आकर्षण होंगे 'द ग्रेट खली'
एजेंसीWed, 21 Apr 2010 11:39 AM
ऐप पर पढ़ें

डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में भारत को विशेष पहचान दिलाने वाले 'द ग्रेट खली' यानी दलीप सिंह राणा बालिका भ्रूण हत्या के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से आठ मई को गुड़गांव के ताउ देवीलाल स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे योद्धाओं के महासंग्राम में विशेष अतिथि के तौर भाग लेंगे।

भारत में पहली बार आयोजित किए जा रहे पेशेवर कुश्ती के इस मुकाबले में देश और विदेशों के चोटी के पेशेवर पहलवान भाग लेंगे, जिनमें पूर्व राष्ट्रमंडल चैंपियन और हाल में एक टीवी चैनल पर आयोजित हंडरेड परसेंट दे दनादन  के विजेता संग्राम सिंह, सैंडो पाजी, डेंजर अन्ना, बादशाह खान, दीपक ठाकुर, जैक अटैक, टाइगर राफ्टा तथा दक्षिण अफ्रीका के जेमन स्टील और अनान्जी शामिल हैं। इसमें विजेता रहने वाले पहलवान को चैंपियनशिप की बेल्ट और 21 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।

इस मुकाबले के प्रोपराइटर ओपी बब्बर ने बताया कि इस कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन से जमा होने वाली धनराशि का आधा हिस्सा बालिकाओं को बचाने और कैंसर पीड़ित बच्चों की मदद में लगे दो गैरसरकारी संगठनों के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों से पहले यमुना सफाई अभियान को दिया जाएगा।

बब्बर ने हालांकि साफ किया कि देश में पेशेवर कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए आगे भी इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य देश में पेशेवर कुश्ती को बढ़ावा देना है । हम इसके बाद देश भर में टैलेंट हंट का आयोजन करेंगे, क्योंकि यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है।


इस मुकाबले में खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे संग्राम सिंह का मानना है कि कि पेशेवर कुश्ती के इस तरह के आयोजन आईपीएल जैसे लोकप्रिय हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आईपीएल का आयोजन किया जा रहा है यदि उसी तरह से योद्धाओं का संग्राम जैसे मुकाबलों को आयोजित किया जाता है तो मैं दावे के साथ कहता हूं कि 90 प्रतिशत लोग कुश्ती देखने के लिए आएंगे।

वर्ल्ड रेसलिंग प्रोफेशनल (डब्ल्यूडब्ल्यूपी) की देखरेख में आयोजित किए जा रहे इन मुकाबलों में पहलवानों को सीधे नॉकआउट चरण में उतरना होगा और उन्हें लगभग तीन घंटे के अंदर अपने दमखम का परिचय देकर विजेता बनना पड़ेगा।

खली को अपना आदर्श मानने वाले संग्राम ने कहा कि इसमें हमें प्रतिद्वंद्वी को चित करना होता है और यहां कुश्ती 20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक खिंच सकती है। इसलिए इसमें स्टेमिना का होना जरूरी है। जो विदेशी पहलवान इसमें भाग ले रहे हैं वे अधिक अनुभवी हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि अपने स्टेमिना के दम पर कोई भारतीय ही इसमें विजेता बनेगा।

योद्धाओं के महासंग्राम में डब्ल्यूडब्ल्यूपी के अध्यक्ष अब्दुल कादिर भी आएंगे। बब्बर ने कहा कि वे इस मुकाबले में रेफरी की भूमिका भी निभाएंगे। उनके अलावा दूसरे रेफरी भारत के विनोद कुमार होंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें