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मैने कोई गलत और अनैतिक काम नहीं किया: थरूर

भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) विवाद के कारण विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने मंगलवार को लोकसभा में अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण में उनकी अंतरात्मा...

मैने कोई गलत और अनैतिक काम नहीं किया: थरूर
एजेंसीTue, 20 Apr 2010 04:30 PM
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भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) विवाद के कारण विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने मंगलवार को लोकसभा में अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण में उनकी अंतरात्मा साफ रही है और उन्होंने कोई गलत, अनैतिक और गैर-कानूनी काम नहीं किया है।

अपनी मित्र सुनंदा पुष्कर के आईपीएल कोच्चि टीम में 70 करोड़ रुपये के निवेश के कारण विवादों के घेरे में आए थरूर ने चार दिन के भीतर लोकसभा में आज दूसरी बार वक्तव्य दिया। उन्होंने जब आज सदन में वक्तव्य पेश किया तो सत्ता पक्ष के लोगों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। उनके वक्तव्य के बाद गृहमंत्री पी चिदम्बरम और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी समेत कई केन्द्रीय मंत्रियों तथा प्रिया दत्त, गिरिजा व्यास समेत कई सांसदों ने उनकी सीट के पास जाकर उन्हें बधाई दी। करीब पच्चीस तीस सांसदों ने थरूर की पीठ थपथपाई।

थरूर ने कहा कि उनकी गहरी आस्था प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में रही है और उन्हें उम्मीद है कि उनका नेतृत्व भारत को समृद्धि और विकास के रास्ते पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के प्रति कृतज्ञ है कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।

पिछले एक सप्ताह से मीडिया और विपक्ष के निशाने पर रहे थरूर ने कहा कि एक निष्ठावान लोक सेवक के रूप में मैं इस बात को लेकर सचेत हूं कि आईपीएल मामले में मेरी भूमिका को लेकर विवाद के कारण संसद का ध्यान महत्वपूर्ण कामकाज से हटता जा रहा है। मैंने शुक्रवार को लोकसभा में अपने बयान में स्पष्ट किया था और कल प्रधानमंत्री के सामने भी दोहराया था कि मेरी अंतरात्मा साफ है। मैं जानता हूं कि मैंने कोई अनुचित, अनैतिक और गैरकानूनी कार्य नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक विवाद चल रहे है, उन्हें देखते हुए मेरी इच्छा सरकार को मुश्किल में खडा़ करने की नहीं है और मेरे इस्तीफे से प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को देश के समक्ष चुनौतियों से निबटने पर ध्यान बंटाने का मौका मिलेगा। मैंने जो कदम उठाया है, वह अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली की परम्परा तथा सार्वजनिक जीवन के मानदंडों के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि वह राजनीति में नए है, पर सार्वजनिक जीवन का उनका लंबा रिकार्ड रहा है और उसमें वित्तीय अनियमितताओं का कोई धब्बा भी नहीं रहा है। मेरे ऊपर जो मनमाने तथा द्वेषपूर्ण आरोप लगाए गए उसमे मैं अंदर तक आहत हुआ हूं और मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों की पूरी तरह जांच कर लें। मैंने ईमानदारी पूर्ण दागरहित जीवन जीया है और मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मेरा नाम बेदाग हो।

थरुर ने कहा कि मैं कई वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय सेवा के बाद भारत लौटा हूं। क्योंकि मेरी तमन्ना रही है कि मैं अपने देश की बेहतरी के लिए काम करूं। भारत में पलने-बढ़ने और बाद में विदेश में रहकर अपने देश को देखने के बाद मुझे लगा कि देश में रहकर अपनी मातृभूमि की सेवा करना गर्व की बात है। मैं स्वदेश इसलिए लौटा क्योंकि मैं ऐसे भारत में यकीन करता हूं कि जहां ईमानदारी और कडी़ मेहनत की कद्र है, भ्रष्टाचार और दुर्भावना की नहीं। मैं ऐसे भारत में यकीन करता हूं जहां पारदर्शिता हो और बेबाकी हो, न कि पाखंड और दोहरापन। मैं ऐसे भारत में यकीन करता हूं जहां बहुलता और विविधता हो, न कि धार्मिक कट्टरता और जातीय राजनीति। जहां संयम, स्वतंत्रता हो और वंचितों के लिए उम्मीद।

उन्होंने कहा कि इसी दृष्टिकोण के कारण तिरुवन्तपुरम की जनता ने मुझे चुनकर भेजा। मुझे गर्व है कि मैंने केरल की राजधानी का प्रतिनिधित्व किया। एक ऐसा राज्य जो भारत की प्रगति का प्रतीक है। हालांकि 21वीं सदी में विकास की दौड़ में वह कई मायनों से पिछड भी गया है। थरुर ने अपने वक्तव्य में केरल की धार्मिक सहिष्णुता, शिक्षा तथा लोकतंत्र के प्रति सम्मान की चर्चा की तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति उसकी वचनबद्धता का भी जिक्र किया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी तथा भारत सरकार की सेवा की। ''मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का कृतज्ञ हूं कि उन्होंने मुझे राष्ट्र की सेवा करने का मौका दिया। मुझे पक्का भरोसा है कि उनके नेतृत्व में देश अच्छे हाथों में है और भारत की जनता समृद्धि और सुरक्षा की कामना कर सकती है।'' उन्होंने यह भी कहा कि अब मेरे लिए नई शुरुआत है। मैंने केरल तथा तिरुवनंतनपुरम के अपने शुभचिंतको से जो प्यार और दोस्ती तथा निष्ठा पाई है कि उसके प्रति आभारी हूं तथा देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ न्यौछावर करने को तैयार हूं।

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