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प्रभाकरण के बेटे ने संभाली कमान

श्रीलंका का तमिल विद्रोही नेता वलुपिई प्रभाकरण अभी भी देश में है परंतु आगे बढ़ रही सेना के खिलाफ लड़ाई में उसका बड़ा बेटा चार्ल्स एंटनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक समाचार पत्र ने आत्म समर्पण...

 प्रभाकरण के बेटे ने संभाली कमान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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श्रीलंका का तमिल विद्रोही नेता वलुपिई प्रभाकरण अभी भी देश में है परंतु आगे बढ़ रही सेना के खिलाफ लड़ाई में उसका बड़ा बेटा चार्ल्स एंटनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक समाचार पत्र ने आत्म समर्पण करने वाले लिट्टे के दो आत्मघाती कार्यकर्ताओं के हवाल से यह खबर दी है। सरकारी समाचार पत्र ‘संड आब्जर्वर’ न दोनो गुरिाओं क इकबालिया बयान क आधार पर कहा कि 1मं पैदा हुआ चार्ल्स एंटनी लिबरशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्ट) क शीर्ष नताओं बानू और लक्ष्मण क साथ गुरिाओं का नतृत्व कर रहा है। दोनों समर्पण करन वाल गुरिाओं क अनुसार चार्ल्स लिट्ट की आईटी यूनिट का प्रमुख है। उनक अनुसार युद्ध क तज होत ही प्रभाकरण न अपनी पत्नी और 10 वर्षीय छोट बट को एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया था। प्रभाकरण की एक पुत्री भी है जो कुछ सूत्रों स प्राप्त जानकारी क अनुसार आयरलैंड मं रहती है। दो आत्मघाती हमलावरों मं स एक न कहा कि प्रभाकरण अभी भी उत्तरी इलाक क वान्नी मं है और निर्दोष तमिल नागरिकों को कब्ज मं रखे हुए है। उधर, श्रीलंका मं प्रांतीय परिषदों क लिए शनिवार को हुए मतदान मं राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की सत्ताधारी गठबंधन पार्टी को भारी सफलता मिली है। रविवार को घोषित किए गए परिणामों क अनुसार युनाइटड पीपुल फ्रीडम एलायंस न उत्तर पश्चिमी व उत्तरी प्रांतां मं लगभग दो तिहाई बहुमत हासिल कर ली है।

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