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Hindi News राधेलाल स्वीट हाउस से छुड़ाए गए बंधुआ बाल मजदूर

राधेलाल स्वीट हाउस से छुड़ाए गए बंधुआ बाल मजदूर

अलीगंज पुलिस ने सोमवार को राधेलाल स्वीट हाउस में छापा मारकर बहराइच के प्रमोद कुमार (16) और उसके चचेरे भाई राजेश (12) को दुकान मालिक के चंगुल से छुड़ा लिया। इन लड॥कों का आरोप है कि दुकान मालिक और उनके...

 राधेलाल स्वीट हाउस से छुड़ाए गए बंधुआ बाल मजदूर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अलीगंज पुलिस ने सोमवार को राधेलाल स्वीट हाउस में छापा मारकर बहराइच के प्रमोद कुमार (16) और उसके चचेरे भाई राजेश (12) को दुकान मालिक के चंगुल से छुड़ा लिया। इन लड॥कों का आरोप है कि दुकान मालिक और उनके बेटे उन्हें बन्धक बनाकर मजदूरी करा रहे थे। छह महीने में सिर्फ एक बार घर जाने दिया था। पिछले कई दिनों से वे लोग छुट्टी माँग रहे थे लेकिन उन्हें धमका कर चुप करा दिया जाता था। बच्चों के इस दर्द के बारे में जब घर वालों को पता लगा तो वे लोग रविवार को लखनऊ पहुँचे। प्रमोद के पिता की तहरीर पर पुलिस ने दुकान मालिक ओम प्रकाश गुप्ता और उनके बेटे मुकेश व मनोज के खिलाफ मुकदमा लिख लिया है। तीनों फरार हैं।ड्ढr बहराइच के लोहारनपुरवा, भिठौली के नारायण कुमार रिश्तेदार हरि प्रसाद के साथ रविवार को अलीगंज थाने पहुँचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे प्रमोद व भतीजे राजेश को राधेलाल स्वीट हाउस में बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा है। इन बच्चों को दुकान पर काम करने वाला उनके गाँव का गोपाल बुला कर लाया था। सूचना पर पुलिस दुकान पहँुची तो दोनों लड़के काम करते मिले। प्रमोद ने बताया कि उसे खाना तो समय से दिया जाता था लेकिन बाहर जाने की छूट नहीं थी। राजेश ने बताया कि दो महीने पहले उसकी दादी का देहान्त होने पर कई दिन बाद घर जाने को दिया गया था। प्रमोद ने बताया कि मालिक उनसे कागज पर जबरन लिखवा रहा था कि वे लोग अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं और उन्हें कोई परेशान नहीं कर रहा है। देर शाम बच्चों को घर वालों के हवाले कर दिया गया। उधर दुकान मालिक ओम प्रकाश का कहना है कि लड़के अपनी मर्जी से आए थे। लड़के 14 फरवरी को छुट्टी माँग रहे थे। उन्हें 20 फरवरी के बाद जाने के लिए कह दिया गया था। बंधुआ बनाने का आरोप झूठा है। पुलिस के सामने भाग निकले आरोपितड्ढr लखनऊ। अलीगंज थाने के तीन-तीन दरोगा बंधुआ बनाए लड॥कों को छुड़ाने के लिए स्वीट हाउस पहुँचे थे। दुकान में लड॥कों को तो बच्चों ने छुड़ा लिया लेकिन जिन पर घर वाले आरोप लगा रहे थे, उन्हें पुलिस ने कुछ नहीं कहा। प्रमोद ने थाने पर पुलिस वालों के सामने ही कहाकि ई दरोगा लोग गए रहैं और दुकानमालिक से बात भी की लेकिन उन्हें पकड़ा नहीं। कुछ देर बाद फिर पुलिस वहाँ गई तो तीनों आरोपित फरार मिले। इस बारे में एसआई विश्राम देव का कहना है कि दुकान मालिक ने तबियत खराब होने की बात कही थी लिहाजा उन्हें जाने दिया गया। अब वे फरार हैं, उन्हें दबिश देकर फिर पकड़ लिया जाएगा। पर, एसओ अलीगंज अमर सिंह रघुवंशी का तर्क हैं कि वे चेहल्लुम की ड्यूटी में थे। दुकान में दबिश देने गए पुलिस वाले आरोपितों को पहचानते नहीं थे। जिसके कारण वे लोग भाग निकले। जल्दी ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।

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