सेल के एफपीओ के लिए जल्द होगा समिति का गठन
सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल के शेयरों की बिक्री के लिए सरकार द्वारा जल्द एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किए जाने की उम्मीद है। सेल के विनिवेश कार्यक्रम के जरिए 16,000 करोड़ रुपए की राशि जुटने की...
सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल के शेयरों की बिक्री के लिए सरकार द्वारा जल्द एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किए जाने की उम्मीद है। सेल के विनिवेश कार्यक्रम के जरिए 16,000 करोड़ रुपए की राशि जुटने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, इस्पात सचिव अतुल चतुर्वेदी की अध्यक्षता में जल्द की एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति में इस्पात मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले विनिवेश विभाग तथा सेल के अधिकारी शामिल होंगे।
सूत्रों ने कहा कि यह समिति सेल के अगले माह आने वाले अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के लिए बुक रनर एवं लीड मैनेजरों (बीआरएलएम) का चुनाव करेगी। समझा जाता है कि एफपीओ के प्रबंधन के लिए समिति निवेश बैंकरों से बोलियां आमंत्रित करेगी।
शेयरों की बिक्री के अलावा बीआरएलएम एफपीओ का शेड्यूल तैयार करेंगे, बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा विवरणिका दाखिल करेंगे तथा सरकार को कीमत तय करने के बारे में सलाह देंगे।
उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि यदि बीआरएलएम का चयन अगले माह तक हो जाता है, तो सेल सेबी के पास जून तक एफपीओ के लिए मसौदा विवरणिका (डीआरएचपी) दायर कर सकती है।
मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह सेल के विनिवेश को मंजूरी दी थी। दो चरणों में होने वाली इस शेयर बिक्री के जरिए 16,000 करोड़ रुपए की राशि जुटने की उम्मीद है।
हालांकि, एफपीओ से कुल कितनी राशि जुटेगी यह इश्यू के मूल्य पर निर्भर करेगा। इश्यू का मूल्य मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा तय किया जाएगा। दोनों चरणों में सेल और सरकार पांच-पांच प्रतिशत शेयरों की बिक्री करेंगी। 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री चालू वित्त वर्ष में और शेष दस फीसद अगले वित्त वर्ष में की जाएगी।
फिलहाल सेल में सरकार की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत से थोड़ी अधिक है। एफपीओ के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 69 प्रतिशत पर आ जाएगी। एफपीओ से जुटने वाली राशि का इस्तेमाल सेल अपनी 70,000 करोड़ रुपए की विस्तार योजना में करेगी। सेल की सालाना उत्पादन क्षमता फिलहाल 1.4 करोड़ टन की है, जिसे कंपनी बढ़ाकर 2.3 करोड़ टन करने का लक्ष्य कर रही है।