जुबान पर लगाम लगाएं नितिन गडकरी : गोविंदाचार्य
भारतीय जनता पार्टी में लौटने के लिए प्रायश्चित करने की शर्त रखने वाले नितिन गडकरी को गोविंदाचार्य ने जुबान पर लगाम लगाने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा घसीटने की कोशिश नहीं करे। गडकरी...
भारतीय जनता पार्टी में लौटने के लिए प्रायश्चित करने की शर्त रखने वाले नितिन गडकरी को गोविंदाचार्य ने जुबान पर लगाम लगाने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा घसीटने की कोशिश नहीं करे।
गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि अगर पार्टी छोड़कर गये नेता प्रायश्चित कर रहे हैं, तो हम उचित फोरम पर विचार करेंगे। भाजपा अध्यक्ष से पूछा गया था कि उमा भारती, कल्याण सिंह और गोविंदाचार्य जैसे पार्टी छोड़ चुके नेताओं की वापसी कब तक संभव है।
इस पर कुपित संघ परिवार के प्रमुख सदस्य और पूर्व भाजपा नेता गोविंदाचार्य ने गडकरी को लिखे खुले पत्र में उन्हें अनर्गल बोलने वाले सतही नेता बनने से बचने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि आपको वाणी में संयम की बहुत जरूरत है जिससे आपकी छवि अनर्गल बोलने वाले सतही और अक्षम नेता की नहीं बने।
उन्होंने कहा कि आप अपनी पार्टी की उठापटक में मुझे नहीं घसीटे और अनावश्यक टिप्पणी के माध्यम से मुझे और नुकसान नहीं पहुंचाएं।
गोविंदाचार्य ने चार अप्रैल को अपने संगठन राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी भूमिका संरक्षक की बना ली थी। इसी के बाद गोविंदाचार्य की भाजपा में वापसी की अटकलें लगनी लगी थी।
बहरहाल, अपने खुले पत्र में गोविंदाचार्य ने गडकरी की ओर से पार्टी कार्यसमिति के गठन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उनकी क्षमता पर सवालिया निशाल लगाया है।
उन्होंने लिखा है कि कार्यसमिति की सूची से आपके रूक्षान और क्षमता का परिचय मिला। और उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। अध्यक्ष बनते समय भी आपने उमा भारती और कल्याण सिंह के साथ मेरा नाम बिना जरूरत लिया था।